नेपाल जाकर नए पीएम केपी ओली को बधाई देंगे पाकिस्तान के पीएम शाहिद खाकन अब्बासी, लेकिन क्यों
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी नेपाल के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे। अब्बासी की इस नेपाल यात्रा का मकसद नए पीएम केपी शर्मा ओली को मिलकर उन्हें इस पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए बधाई देना है। पांच मार्च को अब्बासी का दौरा शुरू होगा।
काठमांडू। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी नेपाल के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे। अब्बासी की इस नेपाल यात्रा का मकसद नए पीएम केपी शर्मा ओली को मिलकर उन्हें इस पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए बधाई देना है। ओली ने 15 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। पांच मार्च को अब्बासी का दौरा शुरू होगा। नेपाल के पीएमओ की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
चीन
के
करीबी
नेपाल
के
पीएम
ओली
पाकिस्तान
दूतावास
के
एक
सूत्र
ने
कहा
कि
उन्हें
उम्मीद
है
कि
अब्बासी
यहां
आएंगे
लेकिन
उन्हें
अभी
इस
बारे
में
औपचारिक
रूप
से
जानकारी
नहीं
मिली
है।
अपनी
यात्रा
के
दौरान
अब्बासी
नेपाल
की
राष्ट्रपति
विद्या
देवी
भंडारी
और
नेपाल
के
वरिष्ठ
अधिकारियों
के
साथ
बैठकें
करेंगे।
15
फरवरी
को
नेपाल
के
41वें
प्रधानमंत्री
के
रूप
में
ओली
के
शपथ
लेने
के
बाद
यह
किसी
अन्य
देश
के
शीर्ष
नेतृत्व
की
नेपाल
की
पहली
उच्चस्तरीय
यात्रा
होगी।
भारत
के
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
फोन
करके
केपी
ओली
को
पीएम
ओली
को
बधाई
दी
थी।
नेपाल
के
प्रधानमंत्री
शेर
बहादुर
देउबा
के
इस्तीफा
देने
के
बाद
ओली
ने
जिम्मेदारी
संभाली
है।
नेपाल
की
कम्यूनिस्ट
पार्टी
सीपीएन-यूएमएल
ने
ओली
का
नाम
बतौर
पीएम
आगे
बढ़ाया
था।
देउबा
ने
पिछले
वर्ष
जून
में
अपना
पद
संभाला
था।
65
वर्षीय
ओली
11
अक्टूबर
2015
से
तीन
अगस्त
2016
तक
देश
के
प्रधानमंत्री
रह
चुके
हैं।
ओली
को
उनके
चीन
प्रेम
के
लिए
नेपाल
में
जाना
जाता
है।
चीन
के
साथ
संबंध
गहरे
करने
के
लिए
बेकरार
ओली
नेपाल
के
नए
पीएम
ओली,
चीन
के
करीबी
हैं
और
चीन,
पाकिस्तान
का
दोस्त
है।
ऐसे
में
अब्बासी
की
इस
यात्रा
को
भारत
के
खिलाफ
उठाया
गया
कदम
माना
जा
रहा
है।
पिछले
दिनों
ओली
ने
कहा
था
कि
वह
चीन
के
साथ
संबंधों
को
और
मजबूत
और
गहरा
करना
चाहते
हैं।
उनके
मुताबिक
वह
चीन
के
साथ
रिश्तों
को
और
गहरा
करने
के
लिए
नए
मौकों
को
तलाशेंगे।
इसके
साथ
ही
ओली
ने
यह
भी
कहा
कि
जहां
वह
चीन
साथ
संबंधों
को
और
गहरा
करना
चाहते
हैं
तो
वहीं
भारत
के
साथ
समझौतों
में
अधिक
फायदा
लेंगे।
ओली
ने
कहा
कि
वह
बदलते
समय
के
साथ
भारत
के
साथ
संबंधों
में
भी
बदलाव
करना
चाहते
हैं।
ओली
ने
कहा
कि
भारत
के
साथ
हमारी
बेहतरीन
कनेक्टिविटी
है,
खुले
बॉर्डर
हैं।
यह
सब
तो
ठीक
है,
हम
कनेक्टिविटी
और
बढ़ाएंगे
भी
लेकिन
हम
यह
नहीं
भूल
सकते
कि
हमारे
दो
पड़ोसी
हैं।
हम
किसी
एक
देश
पर
ही
निर्भर
नहीं
रहना
चाहते
न
कि
सिर्फ
एक
विकल्प
पर।