सेना ने सुना दिया कुलभूषण जाधव पर मौत का फरमान और पीएम नवाज भी थे अनजान!
10 अप्रैल को दोपहर दो बजे दी गई पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार को कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देने की सूचना। ट्रायल के बारे में भी पाकिस्तान की सरकार को नहीं थी कोई जानकारी।
इस्लामाबाद। सोमवार 10 अप्रैल को पाकिस्तान ने भारत के नागरिक और इंडियन नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देने का ऐलान किया है। हैरानी की बात है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और वहां की सरकार को भी इस बारे में तभी जानकारी मिली जब भारत को जानकारी हुई।
इंग्लिश न्यूज पेपर टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक 10 अप्रैल को दोपहर दो बजे नवाज और उनकी सरकार को कुलभूषध जाधव पर आए फैसले के बारे में जानकारी दी गई। सरकार को यहां तक कि जाधव पर चलाए गए सीक्रेट ट्रायल के बारे में भी कुछ नहीं पता था। वहीं भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने साफ तौर पर कह दिया है कि जाधव पर आए फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंध बहुत ही खराब हो चुके हैं। जाधव पर जो फैसला पाक मिलिट्री कोर्ट की ओर से आया उसे पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने पढ़कर सुनाया था। अजीज को सेना ने नवाज शरीफ और सेना के बीच एक मैसेंजर के तौर पर ही प्रयोग किया।
पाक की एक साजिश का हिस्सा
दूसरी ओर जब से पाकिस्तान ने इंडियन नेवी के पूर्व ऑफिसर कुलभूषण जाधव को मौत की सजा दी है, तब से ही देश में बहस जारी है। इस बहस के बीच ही आधिकारिक सूत्रों की ओर से कहा गया कि जाधव की सजा एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। हो सकता है कि पाकिस्तान ने यह फैसला उनके एक लापता ऑफिसर के बारे में भारत से बातचीत करने के मकसद से लिया हो। पाकिस्तान सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद जहीर पिछले एक हफ्ते से गायब हैं। वह पिछले हफ्ते नेपाल की राजधानी काठमांडू किसी काम से पहुंचे और तब से ही गायब हैं। उनके परिवार वालों को शक है कि भारत की एजेंसियों ने उनका अपहरण कर लिया है। भारत का कहना है कि जाधव जासूस नहीं हैं। भारत के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी गलत है और जो भी सुबूत पाकिस्तान की ओर से दिए गए हैं वे पूरी तरह से झूठे हैं।