पाकिस्तान डे पर इस्लमाबाद में राष्ट्रपति ममनून हुसैन को आई कश्मीर की याद
पाकिस्तान डे पर पाक राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने कहा भारत के साथ कश्मीर मुद्दे पर बात करने को तैयार हैं। इस्लामाबाद में परेड के दौरान अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कश्मीर को बताया अधूरा एजेडा।
इस्लामाबाद। 23 मार्च को पाकिस्तान अपना गणतंत्र दिवस पाकिस्तान डे के तौर मना रहा है। इस मौके पर भी पाकिस्तान के लिए कश्मीर सबसे बड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने अपने संबोधन में इसका जिक्र करके यह बात साबित कर दी है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान, भारत के साथ इस मुद्दे पर बात करने को तैयार है।
राष्ट्रपति ने कहा बातचीत को तैयार
अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति हुसैन ने कहा, 'हम भारत के साथ इस मुद्दे पर बात करने को तैयार हैं और इस अधूरे एजेंडे के मुद्दे को हल करने के लिए तैयार हैं। हम यूनाइटेड नेशंस के प्रस्ताव तहत कश्मीर मुद्दे का हल चाहते हैं।' राष्ट्रपति ने यह बात राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित मिलिट्री परेड में कही। अपने संबोधन में राष्ट्रपति हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान के पास पारंपरिक परमाणु ताकत क्षेत्र मे शांति और स्थिरता कायम करने के लिए है। उन्होंने आतंकवाद का सामना करने वाली अपनी फौज की भी तारीफ की। राष्ट्रपति ने कहा कि जर्ब-ए-अज्ब के बाद रादुल फसाद देश में बाकी बचे आतंकवादियों को खत्म करेगा। इस्लामाबाद में आयोजित परेड में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अलावा पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा, नेवी चीफ एडमिरल मोहम्मद जाकाउल्ला और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी मौजूद थे।
बासित भी बोले कश्मीर पर
23 मार्च 1940 में लाहौर रेजॉल्यूशन पास हुआ था और इसमें मुसलमानों के लिए एक अलग देश बनाने की मांग की गई थी। वर्ष 2015 में इसी कार्यक्रम में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी शिरकत की थी। न सिर्फ पाकिस्तान के राष्ट्रपति बल्कि भारत में पाक हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने भी कश्मीर का ही जिक्र इस मौके पर किया। बासित के मुताबिक पाकिस्तान भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है। उन्होंने कहा, 'जम्मू कश्मीर मुद्दे का हल कश्मीरियों की इच्छा के मुताबिक होना चाहिए। बासित यहां पर यह कहना नहीं भूले कि पाकिस्तान ने हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंधों की वकालत की है और भारत के साथ भी वह अच्छे संबंध चाहता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाक, कश्मीर मुद्दे पर भारत के साथ अपने मतभेदों को सुलझा सकेगा। हालांकि उन्होंने इसके साथ ही कश्मीर के अलगाववादियों को भी अपना समर्थन दिया और कहा कि वह आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।