फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने किया पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को फोन, मिला जवाब, 'बिजी हूं आधे घंटे बाद कॉल करिए'
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जबसे देश के 22वें पीएम बने हैं तब से ही कई नेता उन्हें फोन करके उनसे बात कर चुके हैं। लेकिन शुक्रवार को जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उन्हें कॉल किया तो इमरान ने दो बार उनकी कॉल लेने से मना कर दिया। इमरान ने यह कहकर मैक्रों का कॉल अटेंड नहीं किया क्योंकि वह बिजी थे। मैंक्रो ने उस समय इमरान को कॉल किया था जब वह देश के कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ मुलाकात कर रहे थे। सीनियर पाकिस्तानी जर्नलिस्ट हामिद मीर ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। ये भी पढ़ें-अमेरिकी विदेश मंत्री के पाकिस्तान दौरे से पहले पीएम इमरान ने दी अमेरिका को चेतावनी
बधाई देने को किया था कॉल
फ्रेंच राष्ट्रपति मैंक्रों ने इमरान को बधाई देने के लिए कॉल किया था। जिस समय कॉल आई इमरान, जर्नलिस्ट्स के साथ मीटिंग में थे। विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने इमरान से कॉल अटेंड करने को कहा लेकिन उन्होंने कह दिया, 'उनसे बोल दीजिए मैं बिजी हूं।' मैंक्रो ने जब पहली बार कॉल किया तो उस समय भी इमरान मीटिंग में बिजी थे। इसलिए जब दोबारा मैंक्रो ने कॉल किया तो विदेश सचिव तेहमिना जंजुआ चाहती थीं कि इमरान, मैंक्रो से बात कर लें। इमरान ने कॉल लेने से मना कर दिया।
इमरान की पाक में तारीफ
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर, जो मीटिंग में उनके साथ मौजूद थे, उन्होंने ट्वीट किया, 'नया पाकिस्तान, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को फोन किया, लेकिन वह पत्रकारों के साथ मीटिंग में बिजी थे। विदेश सचिव तेहमिना जंजुआ चाहती थीं कि पीएम फोन पर बात कर लें, लेकिन पीएम ने कहा कि मैं यहां व्यस्त हूं, उनसे कहो कि 30 मिनट में फोन करें।' पाकिस्तान के अखबारों में इमरान के इस बर्ताव की काफी तारीफ हो रही है।
ड्रामे के बाद हुई फोन पर बात
हालांकि इतने ड्रामे के बाद इमरान ने मैंक्रो से फोन पर बात की और दोनों नेताओं ने कुछ मिनट तक आपस में बात की। दोनों के बीच क्या बात हुई इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इस तरह की कॉल्स पहले से तय होती हैं। ऐसा कभी-कभार ही होता है कि कोई राष्ट्राध्यक्ष या सरकार का मुखिया अचानक ही कॉल कर दे। डॉन की मानें तो टेलीफोन कॉल कर रिक्वेस्ट उस दूतावास की ओर से की जाती है जिसके नेता मेजबान देश के नेता से बात करना चाहते हैं। वहीं विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की मानें तो पीएम के मीटिंग में होने की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई।