भारत में होने वाली SCO समिट में नहीं शामिल होंगे पाकिस्तान के PM इमरान खान, ये है वजह
इस्लामाबाद। इस वर्ष भारत में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) समिट का आयोजन होना है। पाकिस्तान भी संगठन का हिस्सा है और माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान इस समिट में नहीं आएंगे। यह सम्मेलन इस वर्ष के अंत में होना है। पिछले दिनों खबरें आई थीं कि भारत सरकार की तरफ से समिट के लिए पाक पीएम को न्यौता भेजा गया है। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी समय से तनावपूर्ण थे मगर पिछले वर्ष 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले ने इन रिश्तों को और तल्ख कर दिया।
अपने मंत्रियों के साथ करेंगे चर्चा
इंडिया टुडे की ओर से पाकिस्तान सरकार के करीबी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इमरान खान इस सम्मेलन से गायब रह सकते हैं। हालांकि उनकी तरफ से मंत्री स्तर का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आएगा। अभी भारत की तरफ से एससीओ के आठ सदस्य देशों को आमंत्रण भेजा जाना है, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है। अगर इमरान, भारत आते हैं तो कई वर्षों बाद किसी पाकिस्तानी पीएम का यह पहला भारत दौरा होगा। कहा जा रहा है कि इमरान इस मसले पर दावोस से लौटने के बाद अपने मंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे।
भारत पहली बार कर रहा है मेजबानी
जिस समय इमरान के भारत दौरे के बारे में खबरें आई थीं, उस समय यह भी कहा गया था कि पाकिस्तान की तरफ से इनवाइट पर फैसला लिया जाएगा। सूत्रों की ओर से उस समय बताया गया था कि पीएम खान इस मीटिंग में शामिल होंगे या नहीं, इसका फैसला पाकिस्तान की तरफ से लिया जाना है। भारत सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया था कि प्रोटोकॉल के तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को भी आमंत्रण भेजा जाएगा। यह पाकिस्तान पर है कि उनके प्रधानमंत्री या फिर कोई और प्रतिनिधि इस मीटिंग में शामिल होते हैं या नहीं। अभी इस शिखर सम्मेलन में काफी समय है।' भारत पहली बार एससीओ समिट की मेजबानी कर रहा है।
साल 2014 में आए पाक पीएम नवाज
आखिरी बार साल 2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत आए थे। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार चुनाव जीत कर केंद्र की सत्ता में पहुंचे थे। उन्होंने अपने शपथ ग्रहण के मौके पर सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों का इनवाइट भेजा था। इसके बाद से पाक का कोई भी पीएम भारत के दौरे पर नहीं आया है। भारत साल 2005 में एससीओ में बतौर पर्यवेक्षक शामिल हुआ था। जून 2017 में भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों को संगठन में पूर्ण सदस्य के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
15 जून 2001 को हुई शुरुआत
15 जून 2001 में चीन के शहर शंघाई में एससीओ की नींव पड़ी थी। इस संगठन में रूस, चीन, कीर्गिस्तान, कजाख्स्तानख् तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान जैसे देश शामिल हैं। संगठन का मकसद सदस्य देशों के बीच आपसी भरोसे का निर्माण करना, राजनीति, व्यापार और अर्थव्यवस्था में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है।