अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से दावोस में मिलेंगे पाकिस्तान के PM इमरान, मांगेगे FATF पर मदद
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित हो रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में मिलेंग। पाक विदेश विभाग की ओर से सोमवार को इस बात की जानकारी दी गई है। इमरान ऐसे समय में ट्रंप के साथ मीटिंग करने वाले हैं जब पाक ने अमेरिका से अनुरोध किया है कि वह उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में ब्लैकलिस्ट होने से बचा ले।
पाकिस्तान पर होना है इस हफ्ते बड़ा फैसला
21 जनवरी से 23 जनवरी दावोस में इकोनॉमिक फोरम का आयोजन होगा। इमरान को फोरम के चेयरमैन और फाउंडर प्रोफेसर कालौस स्कवाब ने इनवाइट किया है। पाक विदेश विभाग की ओर से कहा गया, 'दावोस में सम्मेलन से अलग दोनों नेता मिलने वाले हैं।' विदेश विभाग के मुताबिक प्रधानमंत्री इमरान कई और वर्ल्ड लीडर्स से भी मुलाकात करेंगे। इमरान और ट्रंप की यह तीसरी मीटिंग होगी। जुलाई 2019 में इमरान पहले दौरे पर वॉशिंगटन गए थे और यहां व्हाइट हाउस में उन्होंने ट्रंप के साथ खास मुलाकात की थी। सितंबर में भी दोनों नेता, यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) से इतर मिले थे। ईरान के साथ जारी तनाव के बीव ही ट्रंप, इमरान के साथ चर्चा करेंगे। इस बात की भी पूरी संभावना जताई गई है कि इमरान जब ट्रंप के साथ बैठेंगे तो निश्चित तौर पर कश्मीर मुद्दे का जिक्र होगा। इस हफ्ते एफएटीएफ की एक अहम मीटिंग होने वाली है। इस मीटिंग में यह फैसला लिया जाना है कि पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया जाए या फिर ग्रे लिस्ट में रखा जाए।
अमेरिका से की है पाक ने रिक्वेस्ट
मीटिंग को देखते हुए पाक ने अमेरिका से रिक्वेस्ट की है वह इस लिस्ट से बाहर आने में उसकी मदद करे। 21 जनवरी से शुरू हो रही एफएटीएफ की मीटिंग तीन दिनों तक चलेगी। इस अहम मीट के लिए पाक का एक प्रतिनिधिदल बीजिंग पहुंच चुका है। पाकिस्तान के अखबार द न्यूज की तरफ से बताया गया है कि पाक की ओर से जो जानकारी संस्था को दी जाएगी उसे परखा जाएगा। संस्था यह देखेगी कि पाकिस्तान ने आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। अक्टूबर में एफएटीएफ ने फैसला किया था पाक लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद (जैश) जैसे आतंकी संगठनों को रोकने में असफल रहा है और ऐसे में उसे ग्रे लिस्ट में रखा जाएगा। अगर पाक अप्रैल तक ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आया तो फिर उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। उस पर भी ईरान की तरह ही प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे।