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ट्रंप के दामाद से सिफारिश लगवाकर अमेरिका के मेहमान बन पाए इमरान खान!

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वॉशिंगटन। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को व्‍हाइट हाउस में अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से मुलाकात की। ट्रंप ने काफी गर्मजोशी से उनका स्‍वागत भी किया लेकिन किसी को यह समझ नहीं आया कि जो ट्रंप कुछ दिनों पहले तक पाकिस्‍तान के खिलाफ आक्रामक थे अचानक उनका रुख कैसे बदल गया। पाकिस्‍तान की मीडिया ने ही इस बात की सच्‍चाई को बयां किया है। पाक म म‍ीडिया की मानें तो इमरान और ट्रंप की मुलाकात इतनी आसान नहीं थी और इसे संभव कराने के लिए कड़ी मशक्‍कत करनी पड़ी। पाक मीडिया की ओर से बताया गया है कि इमरान और ट्रंप की मुलाकात में ट्रंप के यहूदी दामाद जेरार्ड कश्‍नर का बड़ा योगदान है।

पाकिस्‍तान ने की कई कोशिशें

पाकिस्‍तान ने की कई कोशिशें

पाकिस्‍तान के अखबार द एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पिछले कई माह से दोनों की मुलाकात की कोशिशें जारी थीं। आपको बता दें कि ट्रंप ने इस माह मार्च में ही बयान दिया था कि वह पाकिस्‍तान के नेतृत्‍व से मुलाकात करने को तैयार हैं। अधिकारियसों की ओर से बताया गया है कि इमरान को व्‍हाइट हाउस तक पहुंचाने में सबसे पहले सऊदी के प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान जिन्‍हें एमबीएस कहा जाता है, उनसे मदद मांगी गई। एमबीएस और ट्रंप के दामाद जेरार्ड कश्‍नर के रिश्‍ते काफी अच्‍छे हैं। एमबीएस ने इन अच्‍छे रिश्‍तों की वजह से कश्‍नर से सीधा कॉन्‍टेक्‍ट किया और पाकिस्‍तान के पीएम का व्‍हाइट हाउस में स्‍वागत के निमंत्रण के इंतजाम का अनुरोध किया।

ट्रंप के सीनियर एडवाइजर

ट्रंप के सीनियर एडवाइजर

कश्‍नर, ट्रंप के सीनियर एडवाइजर भी हैं। दिसंबर 2018 से इमरान की अमेरिका दौरे की कोशिशें तेज हो गई थीं। ट्रंप ने उस समय पाकिस्‍तान के पीएम को चिट्ठी लिखी थी। इसमें ट्रंप ने अफगानिस्‍तान में शांति की कोशिशों के लिए उनसे मदद मांगी थी। एक पाक अधिकारी ने एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून को बताया है कि खान, ट्रंप से वन-टू-वन मीटिंग करना चाहते थे। उनका मानना था कि सिर्फ ऐसी मीटिंग के जरिए ही दोनों देशों के बीच मौजूद मलतफहमियों को दूर किया जा सकता है।

खराब संबंधों की वजह से नामुमकिन

खराब संबंधों की वजह से नामुमकिन

वहीं, दोनों देशों के संबंध भी ठीक नहीं थे और ट्रंप अक्‍सर पाकिस्‍तान को लेकर आक्रामक बयान देते रहते थे। ऐसे में ट्रंप और इमरान की मीटिंग संभव होगी इस बात को लेकर कोई भी निश्चित नहीं था। ऐसे में पाकिस्‍तान को ट्रंप से डायरेक्‍ट कॉन्‍टेक्‍ट की आखिरी विकल्‍प नजर आया। इसी समय पाक ने अपारंपरिक तरीके से मुलाकात की कोशिशों का आगे बढ़ाने का फैसला लिया। इस विकल्‍प में सिर्फ एमबीएस ही पाक की मदद कर सकते थे। पीएम बनने के बाद इमरान और एमबीएस की कई मीटिंग्‍स हुई हैं।

एक और शख्‍स का बड़ा रोल

एक और शख्‍स का बड़ा रोल

एक और शख्‍स जिसका नाम इस मीटिंग में सामने आ रहा है वह हैं रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम। लिंडसे, ट्रंप के काफी करीब हैं। लिंडसे ने इस वर्ष पाकिस्‍तान का दौरा किया था और कहा जा रहा है कि वह इमरान के अफगानिस्‍तान को लेकर नजरिए से खासे प्रभावित थे।

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English summary
Pakistan PM Imran Khan's US visit has become possible because of Saudi Prince Mohammed bin Salman and President Donald Trump's son-in-law Jar
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