पाकिस्तान के PM इमरान खान के मंत्री ने किया आतंकी हाफिज सईद का समर्थन, सामने आया वीडियो
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भले ही ये दावे करते रहे कि उनकी सरजमीं पर आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए लेकिन उनके मंत्री पीएम की ही बात को गलत साबित करने में लगे हैं। इमरान की कैबिनेट में आतंरिक मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे शहरयार खान अफरीदी का एक वीडियो सामने आया। इस वीडियो में अफरीदी, लश्कर-ए-तैयबा के फाउंडर हाफिज सईद के लिए खुलेआम अपना समर्थन जता रहे हैं। न सिर्फ हाफिज बल्कि अफरीदी उसकी संस्था मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) का भी गुणगान कर रहे हैं। एमएमएल को अमेरिका ने इस वर्ष अप्रैल में आतंकी संगठन घोषित किया था। शहरयार हालांकि इमरान की सरकार में राज्य मंत्री का कैबिनेट रखते हैं लेकिन उनका वीडियो पीएम का सिरदर्द बन सकता है।
इमरान की कैबिनेट में राज्य मंत्री का दर्जा
यह वीडियो दो मिनट का है और इसे मोबाइल फोन से शूट किया गया है। वीडियो उस समय का है जब अफरीदी, एमएमएल के नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे थे। इस वीडियो में एमएमएल के प्रतिनिधियों को अफरीदी के साथ पार्टी की समस्याओं के बारे में बताते हुए सुना जा सकता है। प्रतिनिधि, अफरीदी को बता रहे हैं कि पाकिस्तान इलेक्शन कमीशन के सामने अपनी पार्टी को रजिस्टर करने में उन्हें क्या समस्याएं आ रही हैं। वीडियो में अफरीदी से पार्टी के सदस्य उर्दू भाषा में कह रहे हैं ,'एमएमएल के रजिस्ट्रेशन के बाबत इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने एक ऑर्डर चुनाव आयोग को जारी किया है। इस आदेश में कहा है कि एमएमएल को रजिस्टर किया जाना चाहिए। अमेरिका ने एमएमएल को आतंकी संगठनों की लिस्ट में रखा है और इसे अभी तक रजिस्टर नहीं किया गया है। इसके साथ ही एमएमल के प्रतिनिधियों ने अफरीदी को बताया, 'अमेरिका का कहना है कि सह हाफिज सईद का संगठन है और हम इसे बाकी आतंकी संगठनों की लिस्ट में डाल रहे हैं।
ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
इसके बाद अफरीदी उनसे कहते हैं, 'मैं आप लोगों से अनुरोध करुंगा कि आप लोग आएं और एसेंबली में बैठे और फिर देखते हैं कि हमें बाकियों का समर्थन मिलता है या नहीं।' अफरीदी ने भी उर्दू भाषा में ही जवाब दिया। यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और दूसरे पश्चिमी देश फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की रिव्यू मीटिंग में पाकिस्तान को लेकर एक मजबूत केस पेश करने की तैयारी में है। इस केस के तहत यह संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि लश्कर जैसे आतंकी संगठनों को मिल रही आर्थिक मदद पर लगाम लगाने के लिए पाक ने अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया है। एफएटीएफ पेरिस स्थित एक संस्था है जो आतंकी संगठनों को मिल रही आर्थिक मदद पर नजर रखती है। इस संस्था ने इस वर्ष जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था। इस फैसले का स्वागत पाकिस्तान के करीबी चीन ने भी किया था और फैसले में उसका समर्थन भी संस्था को हासिल हुआ था।