पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा वाजपेयी ने दिया था कश्मीर मसला सुलझाने का तरीका
वॉशिंगटन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जिनका तीन दिवसीय अमेरिकी दौरा मंगलवार को खत्म हो गया, उन्होंने अपने एक बयान में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया। जब यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के साथ बातचीत में इमरान ने कश्मीर पर चर्चा करते हुए वाजपेय को याद किया। यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस अमेरिकी कांग्रेस की ओर से चलाया जा रहा एक थिंक टैंक है। आपको बता दें कि सोमवार को इमरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। यह दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी।
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सुलझने की कगार पर था कश्मीर मुद्दा
इमरान खान ने थिंक टैंक के साथ चर्चा में कहा, 'भारत और पाकिस्तान दोनों ही कश्मीर का मसला सुलझाने के एकदम करीब पहुंच गए थे। इमरान ने आगे कहा, 'भारत और पाकिस्तान वाजपेयी के समय कश्मीर के मुद्दे को चरणबद्ध तरीके से हल करने के करीब पहुंच गए थे।' इमरान ने हालांकि इस दौरान समस्या के हल को लेकर विस्तार से बताने से इनकार कर दिया। इमरान की मानें तो यह एक संवेदनशील मुद्दा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का कारण है।
कश्मीर की वजह से संबंध परेशानी वाले
इमरान ने कहा, 'पाकिस्तान की प्राथमिकता पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध कायम करना है और भ्रष्टाचार को खत्म करना है।' इमरान के मुताबिक क्षेत्र में स्थिरता का होना बहुत जरूरी है। इमरान ने दावा किया कि उन्होंने कई बार भारत से संपर्क बनाने की कोशिश की है। इमरान के शब्दों में, 'भारत एक ऐसा देश है जिसके साथ हमारे संबंध हमेशा परेशानी भरे रहे हैं। दुर्भाग्य से इसकी एक ही वजह है और वह है कश्मीर। जब कभी हमने कोशिश कि रिश्ते ठीक हो जाएं और रिश्ते सही दिशा की तरफ बढ़ने लगे तभी कुछ ऐसी घटना हो जाती है कि सारी कोशिशें पटरी से उतर जाती हैं।'
आगरा सम्मेलन की तरफ था इशारा
इमरान ने कहा कश्मीर की वजह से सारी चीजें वापस उसी जगह पर लौट जाती हैं, जहां से शुरू हुई थीं। इमरान, अमेरिका में जब वाजपेयी का जिक्र कर रहे थे तो उनका इशारा साल 2001 में हुए आगरा सम्मेलन की तरफ था। इस सम्मेलन के लिए तत्कालीन पाक राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भारत आए थे और उन्होंने वाजपेयी के साथ मुलाकात की थी। सम्मेलन कारगिल की जंग के बाद हुआ था और दो दिनों तक चला था।
क्या थी वाजपेयी की ख्वाहिश
पहले दिन दोनों नेताओं ने 90 मिनट तक मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने कश्मीर मुद्दे समेत, सीमा पार से जारी आतंकवाद को खत्म करने, परमाणु हथियारों की संख्या को कम करने, कैदियों की रिहाई और दूसरे बिजनेस से जुड़ी मसलों पर चर्चा की थी। सम्मेलन के दौरान वाजपेयी ने कश्मीर के लोगों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने हुर्रियत के नेताओं को भी बातचीत का निमंत्रण दिया था।