पाकिस्तान: जनरल बाजवा से मीटिंग के बाद पीएम इमरान खान ने ली छुट्टी, सरकार की उल्टी गिनती शुरू!
इस्लामाबाद। पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान पिछले दिनों 'वीकेंड लीव' पर दो दिनों के लिए अपने घर बनीगाला गए। उनके इस तरह से अचानक छुट्टी पर जाने के बाद से तख्तापलट को लेकर चर्चाओं ने एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है। इमरान, पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से मिलने के बाद ही छुट्टी पर चले गए। पाकिस्तान की राजनीति पर नजर रखने वालों की मानें तो इस मीटिंग के बाद पीएम का छुट्टी पर जाना कोई साधारण बात नहीं है और यह बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह से फेल इमरान सरकार से सेना खासी नाराज है।
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इस्लामाबाद में बढ़ी सरगर्मियां
इस्लामाबाद में ठंड के बीच दिनों राजनीतिक माहौल ने वहां का तापमान बढ़ा दिया है। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सत्ता पर अनिश्चितता के बादल छाने लगे हैं। जियो न्यूज की मानें तो आर्मी चीफ और इमरान खान की जो मुलाकात शनिवार को हुई है उसमें सुरक्षा हालातों पर चर्चा हुई है। दूसरी ओर सूत्रों की तरफ से इशारा किया जा रहा है कि देश में सेना और सरकार के बीच टकराव की स्थिति है। आर्मी चीफ से मीटिंग करने के बाद इमरान बॉडी लैंग्वेज ही अलग थी। इस मीटिंग के तुरंत ही बाद इमरान के दो दिन की छुट्टी पर जाने से तख्तापलट की चर्चाओं को और बल मिला है। पाक के उर्दू अखबार जंग ने लिखा है कि इमरान ने सत्ता संभालने के बाद बीते एक साल से ज्यादा समय में एक भी छुट्टी नहीं ली है।
बिना प्लानिंग के अचानक ली छुट्टी
उनके करीबियों की मानें तो इमरान काफी देर तक जागते हैं और आधिकारिक कामकाज में ही लगे रहते हैं। किसी छुट्टी की कोई पहले से प्लानिंग योजना भी नहीं थी। अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अचानक छुट्टी लोगों के बीच चर्चा में है. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने लिखा कि इमरान को भी अपने परिवार के साथ कभी तो समय बिताने का वक्त मिले। जबकि उनके कुछ राजनैतिक विरोधियों ने लिखा कि 'मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, इन्हीं दो दिनों में यह प्लान बना लीजिएगा कि अब आपको जो लंबी छुट्टी मिलने वाली है, वह आप कहां बिताएंगे।' पीटीआई को दो पार्टियों पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) और एमक्यूएम (पी) का समर्थन मिला हुआ है। पाक के एक और अखबार द न्यूज इंटरनेशनल ने अपने एक आर्टिकल 'गेम इन ऑन' में लिखा है कि दोनों पार्टी अब सरकार को दे रहे समर्थन के बारे में फिर से सोच रही हैं।
सरकार में शामिल पार्टियां भी परेशान
एमक्यूएम (पी) अब इस बात पर विचार कर रही है कि सरकार को समर्थन देने से उसे क्या फायदा हो रहा है। पार्टी के सीनियर लीडर ख्वाजा इजहारुल हसन ने इस बात की आशंका तक जता दी है कि इमरान की सरकार ने अगर देश की अर्थव्यवस्था को नहीं सुधारा तो अगले बजट तक टिक नहीं पाएगी। पार्टी के एक और नेता खालिद मकबूल सिद्दीकी जो सरकार में मंत्री भी हैं उनका कहना है कि वह पीटीआई को ऐसे अकेला नहीं छोड़ेंगे लेकिन देश की माली हालत भी पार्टी के लिए चिंता का विषय है। साफ है कि इमरान अब अपने साथियों का भरोसा भी खोते जा रहे हैं। वहीं, पीएमएल (क्यू) इमरान की सरकार की परफॉर्मेंस से नाराज है। पार्टी का कहना है कि चीजें अब बद से बदतर हो गई हैं।
ड्राइविंग सीट पर आने को बेकरार बाजवा
पिछले दिनों आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करने के लिए यह मीटिंग की थी।इस तरह की तीन मीटिंग्स हुई हैं और सभी कराची में मिलिट्री ऑफिसेज में हुईं। इन ऑफिसेज के बाहर सुरक्षा किसी किले से कम नहीं थी। कराची, पाक की आर्थिक राजधानी है। कराची के अलावा पाक सेना के हेडक्वार्टर रावलपिंडी में भी बाजवा ने टॉप बिजनेस लीडर्स से मुलाकात की है। मीटिंग में जनरल बाजवा ने बिजनेस लीडर्स से पूछा कि देश की अर्थव्यवस्था को कैसे सुधारा जाए। सूत्रों की मानें तो जनरल बाजवा देश के हालातों को लेकर खासे परेशान हैं।