UN से मलीहा लोधी की रवानगी के पीछे उनकी "हिंदू बहू" भी है एक वजह!
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में अपनी राजदूत मलीहा लोधी की जगह मुनीर अकरम को स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया है। पाक का कहना है मलीहा कार्यकाल पूरा हो चुका था। उन्हें हटाया नहीं गया है। माना जा रहा है कि पाक ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि मलीहा के इकलौते बेटे की शादी दिल्ली में जन्मी एक हिंदू लड़की से हुई है। मलीहा पिछले दो माह से इस वजह से लगातार सोशल मीडिया पर आलोचना झेल रही थीं। मलीहा पाकिस्तान की पहली महिला थीं जिन्हें यूएन में राजदूत नियुक्त किया गया था।
हिंदू बहू की वजह से आलोचना
वेबसाइट स्ट्रैटेजिक न्यूज की ओर से कहा गया है कि यूं तो मलीहा को हटाने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं लेकिन हिंदू बहू सबसे बड़ी वजह बन गई है। यह वजह प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी सरकार के लिए काफी थी और मलीहा को उनके कार्य से मुक्त कर दिया गया। पांच अगस्त को जब जम्मू कश्मीर से भारत सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया, उस समय ही यह सच सामने आया। इमरान खान जो लगातार खुद को कश्मीरी मुसलमानों का रहनुमा बताते हैं, उनके और पाक सेना के लिए यह जानकारी परेशान करने वाली थी। वेबसाइट ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि लोधी की सुरक्षा पर भी खतरा था। उनकी व्यावसायिक कुशलता के अलावा उनकी पर्सनल लाइफ को भी जज किया जाने लगा था।
साल 2011 में हुई थी शादी
मलाहा लोधी, फैसल की मां हैं और वह उनके इकलौते बेटे हैं। फैसल की उम्र 30 वर्ष से ज्यादा है। फैसल की शादी दिल्ली की रहने वाली गौरीका गंभीर से हुई है। दोनों की शादी साल 2011 में हुई थी लेकिन फोटोग्राफ्स पिछले माह ट्विटर पर आई थीं। गंभीर ने एबीएन एमरो और एचएसबीसी बैंक के साथ काम किया है। गौरीका के फेसबुक अकाउंट को देखने से पता लगता है कि फैसल और वह दोनों एक बेटे के माता-पिता हैं। उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। पाकिस्तान के संभ्रात परिवार में जन्मीं मलीहा की शादी लंदन के एक बैंकर से हुई थी। पांच बरस बाद ही दोनों का तलाक हो गया और तब तक फैसल का जन्म हो चुका था।
कैसे शुरू हुई थी रिलेशनशिप
गौरीका और फैसल दोनों की मुलाकात न्यूयॉर्क में कॉमन फ्रेंड्स के जरिए हुई थी। उस समय गौरीका, कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फाइनेंशियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी। फैसल, स्टर्न बिजनेस स्कूल से एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे। फैसल और गौरीका दोनों ने यहीं पर डेटिंग शुरू की और फिर एक साथ लंदन में दोनों की जॉब लग गई। दोनों साथ ही में लंदन और फिर दोनों की शादी हो गई। गौरीका के भाई ने शादी का रिसेप्शन ऑर्गनाइज किया था।
कभी की पाकिस्तानी लड़की से शादी की वकालत
फैसल की हिंदू लड़की से शादी की बात उस समय और ज्यादा दिलचस्प हो जाती है जब मलीहा के साल 2003 के एक इंटरव्यू का जिक्र होता है।मलीहा ने एक ब्रिटिश न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में कहा था, 'मैं अपने बेटे की शादी एक पाकिस्तानी मुस्लिम से करना चाहती हूं। मैं बहुत ही धार्मिक महिला हूं और यह मेरा बहुत ही संवेदनशील हिस्सा है। एक दिन मैं अपने घर जाना चाहती हूं।' मलीहा ने यह बात उस समय कही थी जब वह लंदन में पाक की उच्चायुक्त होकर पहुंची थीं।
कुछ लोग बुलाते थे जनरल लोधी
लोधी, को कभी-कभी जनरल लोधी कहकर भी बुलाया जाता था। परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल में उन्होंने अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में बतौर राजदूत अपनी सेवाएं दी थीं। वह अमेरिका में सबसे लंबे समय तक तैनात रहने वाली पहली राजदूत रहीं हैं। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन्हें यूएन में स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया था। कहते हैं कि नवाज इस बात के सख्त खिलाफ थे कि लोधी को यूएन भेजा जाए। लेकिन सेना और मिलिट्री ऑफिसर्स को खुश करने के लिए उन्हें यह फैसला लेना पड़ा।