पाकिस्तान ने बदला PoK का नाम, पंजाब प्रांत में मिलाने की साजिश कर रही इमरान सरकार
इस्लामाबाद।
पाकिस्तान
अधिकृत
कश्मीर
(पीओके)
के
एक
एक्टिविस्ट
का
दावा
है
कि
पाक
इस
क्षेत्र
की
स्थिति
को
बदलने
की
कोशिशें
कर
रहा
है।
एक्टिविस्ट
की
मानें
तो
पाक
अब
उन
हिस्सों
पर
अपने
दावे
को
मजबूत
करने
में
लगा
है
जो
अफगानिस्तान
और
भारत
की
सीमाओं
के
तहत
आते
हैं।
आपको
बता
दें
कि
इस
वर्ष
अगस्त
में
जब
भारत
ने
जम्मू
कश्मीर
से
आर्टिकल
370
हटाया
है
तब
से
ही
पीओके
से
जुड़ी
खबरों
का
आना
सिलसिला
जारी
है।
PoK अब जम्मू कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज
एक्टिविस्ट नासिर एजाज खान ने कहा है कि पाकिस्तान अपनी पश्चिमी सीमाओं खासतौर पर डुरंड लाइन की घेराबंदी करने में लगा हुआ है। इस हिस्से पर अफगानिस्तान पिछले कई वर्षों से अपना दावा करता आया है। साथ ही पूर्वी सीमाओं जिसका नाम पीओके से बदलकर जम्मू कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज (जेकेएएस) कर दिया गया है, वहां भी पाक अपनी गतिविधियों को बढ़ाने में लगा हुआ है। पाक पर भड़कते हुए खान ने कहा कि पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थिति को इमरान खान सरकार गैरकानूनी तरीके से बदने में लगी है।
पंजाब में मिलाने की कोशिश
खान का कहना था कि सरकार इस हिस्से को पंजाब प्रांत के साथ मिलाने के लिए कोशिशें कर रही है। पाक सरकार ने पीओके का नाम बदला और 11 दिसंबर को इससे जुड़ा एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया। नसीर अजीज के मुताबिक पाकिस्तान चुपचाप पीओके को पाकिस्तान में मिलाने की साजिश कर रहा है। यह नोटिफिकेशन पीओके के पीएम फारूक हैदर खान के उस बयान के ठीक बाद जारी किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि वह पीओके के आखिरी प्रधानमंत्री हो सकते हैं।
पीओके को कश्मीर में मिलाने की मांग
नासिर खान ने इस पर कहा, 'रजा फारूक हैदर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने उन्हें साफ संदेश दिया है कि वह पीओके के आखिरी प्रधानमंत्री है। यह साफ तौर पर बताता है कि पाकिस्तान, पीओके को पंजाब प्रांत और कुछ हिस्सों को खैबर पख्तूनख्वा में अवैध रूप से विलय की कोशिश कर रहा है। गिलगित-बाल्टिस्तान के बारे में भी पाकिस्तान का ऐसा ही इरादा है। पाकिस्तान का अवैध कब्जे वाला कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।
अमित शाह ने किया पीओके का जिक्र
गृह मंत्री अमित शाह भी कह चुके हैं कि जब हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की बात करते हैं तो उसमें पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाला कश्मीर भी अनिवार्य रूप से शामिल है। जम्मू-कश्मीर को अस्थायी तौर पर मिले विशेष दर्जे को वापस लेकर सूबे का दो केंद्रशासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठन के बाद से भारत में यह आवाज तेज होने लगी है कि अब पीओके को भी में भारत में मिलाया जाए।