करतारपुर कॉरीडोर पर चर्चा के लिए पाकिस्तान ने भेजा भारत को इनवाइट, फरवरी में जाएंगे भारतीय अधिकारी
नई दिल्ली/इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान करतारपुर कॉरीडोर पर आगे बढ़ रहे हैं। सोमवार को पाकिस्तान ने एक ड्राफ्ट एग्रीमेंट भारत के साथ साझा किया है। इस एग्रीमेंट के साथ ही पाक की ओर से भारत को प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। वहीं भारत की ओर से इस्लामाबाद भेजी जाने वाली टीम के लिए दो तारीखों का विकल्प पाकिस्तान को दिया गया है। पाकिस्तान ने भारत को जो इनवाइट भेजा है, उसे 'आकस्मिक' बताया है। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने बीते नवंबर में करतारपुर कॉरीडोर को खोला था। उस समय भारत से दो केंद्रीय मंत्री पाक गए थे और उन्होंने यहां पर कॉरीडोर की नींव रखी थी।
26 फरवरी और सात मार्च को दौरा
विदेश मंत्रालय की ओर से मंगलवार को बताया गया है कि भारत ने पाकिस्तान को 26 फरवरी और सात मार्च की तारीखें सुझाई हैं। इन तारीखों में भारत से टीमों को पाकिस्तान भेजा जाएगा जहां पर प्रस्ताव पर अंतिम फैसला लिया जा सकेगा ताकि भारतीय तीर्थयात्री जल्द से जल्द गुरुद्वारे के दर्शन कर सकें। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मीटिंग के दौरान तीर्थयात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में चर्चा की जाएगी। दरबार साहिब करतारपुर गुरद्वारा, गुरदासपुर बॉर्डर से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित नारोवाल में स्थित है।
एक दिन में 500 से तीर्थयात्री करेंगे दर्शन
हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि उसे अभी तक पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह का कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। पाकिस्तान की ओर से जो ड्राफ्ट एग्रीमेंट तैयार किया गया है उसके मुताबिक 15 सदस्यों वाले सिख तीर्थयात्रियों वाले समूह को ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा एक दिन में 500 से ज्यादा तीर्थयात्रियों को मंजूरी नहीं दी जाएगी। करतारपुर साहिब, पाकिस्तान के नारोवाल जिले में है जो पंजाब मे आता है। यह जगह लाहौर से 120 किलोमीटर दूर है। जहां पर आज गुरुद्वारा है वहीं पर 22 सितंबर 1539 को गुरुनानक देवजी ने आखिरी सांस ली थी।
इस वर्ष इमरान खोलेंगे कॉरीडोर
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस बात की जानकारी दी थी कि दोनों देशों की सरकारों के बीच ड्राफ्ट एग्रीमेंट को साझा किया जा चुका है। इस ड्राफ्ट एग्रीमेंट को इस्लामाबाद स्थित भारतीय हाई कमीशन में भेजा गया था। पाकिस्तान ने डायरेक्टर जनरल (साउथ एशिया एंड सार्क) को करतारपुर कॉरीडोर प्रोजेक्ट पर नजर रखने के लिए नियुक्त किया है। इसके साथ ही भारत से अनुरोध किया है कि वह भी जल्द से जल्द से प्रतिनिधि की नियुक्ति करे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नवंबर 2019 में सिखों के पहले गुरु, गुरुनानक देवजी के 550वें जन्मतिथि के मौके पर इस कॉरीडोर को खोलने की इच्छा जता चुके हैं।
सिखों के लिए बहुत ही पवित्र
करतारपुर कॉरिडोर सिखों के लिए सबसे पवित्र जगह है। करतारपुर साहिब सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था और यहीं पर उनका निधन हुआ था। सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी यह श्राइन रावी नदी के करीब स्थित है और डेरा साहिब रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी चार किलोमीटर है। यह गुरुद्वारा भारत-पाकिस्तान सीमा से सिर्फ तीन किलोमीटर दूर है। श्राइन भारत की तरफ से साफ नजर आती है।मई 2017 में अमेरिका स्थित एक एनजीओ इकोसिख ने श्राइन के आसपास 100 एकड़ की जमीन पर जंगल का प्रस्ताव भी दिया था।