'मैं इस्लाम धर्म नहीं अपनाना चाहती, मुझे अपने घरवालों के साथ ही रहना है'
नई दिल्ली। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जैकोबाबाद में रहने वाली 15 साल की महक अपने घर से गायब हो गई थी। घरवालों ने आरोप लगाया था कि उसका अपहरण करने के बाद उससे इस्लाम कबूल करवाया गया है और फिर मुस्लिम युवक से शादी कराई गई है। इसके बीच, लड़की का वीडियो सामने आने के बाद ये मामला कोर्ट में पहुंचा था, जहां उसने कहा था कि अब वह इस्लाम कुबूल कर चुकी है और उसकी शादी मुसलमान लड़के अली रजा के साथ हो चुकी है। हालांकि, नाबालिग लड़की ने कोर्ट में दिए अपने ताजा बयान में कहा है कि उसने इस्लाम कबूल नहीं किया है।
हिंदू लड़की ने कहा- वह इस्लाम अपनाना नहीं चाहती
15 साल की हिंदू लड़की महक ने कोर्ट में कहा कि वह ना तो मुस्लिम शख्स अली रजा माची के साथ रहना चाहती है जिससे उसकी शादी हुई, और ना वह इस्लाम अपनाना चाहती है। कोर्ट से नाबालिग ने अपील की और कहा कि उसे उसके परिवार के साथ रहने दिया जाए। उसने ये भी कहा कि अपना धर्म परिवर्तन नहीं करेगी। महक के काउंसिलर नारायणदास कपूर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को फोन पर बताया कि जैकबाबाद के कोर्ट में जज के चेंबर में लड़की का बयान दर्ज किया गया क्योंकि कोर्ट रूम में और बाहर बड़ी संख्या में मौलवी जमा थे।
वकील ने कहा- परिवार को मिल रही थीं धमकियां
काउंसिलर ने बताया, 'गुरुवार को अदालत में पेश होने के बाद महक ने बताया कि उसने गलती से 21 जनवरी को कोर्ट में अपना पहला बयान दर्ज किया था, जिसमें उसने कहा था कि उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है और अली रजा से अपनी मर्जी से शादी की है।' महक ने कोर्ट को बताया कि उसने इस्लाम कबूल नहीं किया था और ना ही वह अली रजा के साथ रहना चाहती है। वह अपने घरवालों के साथ रहना चाहती है। वकील ने दावा किया कि लड़की के परिवार को धमकियां मिल रही थीं जब उसने अपना पहला बया दर्ज कराया था।
परिवार वालों ने लगाया था धर्मांतरण का आरोप
बता दें कि मेडिकल स्टोर चलाने वाले विजय कुमार की लड़की जैकबाबाद स्थित अपने घर से गायब हो गई थी, परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि उसको अगवा किया गया और लड़की की जबरन मुस्लिम युवक अली रजा से शादी करवा दी गई। इस मामले के सामने आने बाद जैकबाबाद में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। सिंध प्रांत में आने वाले जैकोबाबाद में एक नाबालिग हिंदू लड़की के अपहरण और फिर जबरन धर्मांतरण के बाद उसकी शादी की घटना का कई मुस्लिम संगठनों ने भी विरोध किया था। बता दें कि पाकिस्तान में इस तरह के अनेक मामले पिछले कुछ महीनों में सामने आए हैं।