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इमरान ख़ान की नीयत अच्छी है, पर मोदी जिस तरह से बात कर रहे हैं...: परवेज़ मुशर्रफ़

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अभी भी क़ायम है. पुलवामा हमले से लेकर भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई, उसके बाद हर रोज़ सीमा पर हो रही गोलीबारी से तनाव फ़िलहाल तो ख़त्म होता नज़र नहीं आ रहा है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ का मानना है कि इस मौजूदा तनाव के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और आर्मी चीफ़ ज़िम्मेदार हैं. 

By BBC News हिन्दी
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भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अभी भी क़ायम है. पुलवामा हमले से लेकर भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई, उसके बाद हर रोज़ सीमा पर हो रही गोलीबारी से तनाव फ़िलहाल तो ख़त्म होता नज़र नहीं आ रहा है.

परेवज़ मुशर्रफ़
Getty Images
परेवज़ मुशर्रफ़

लेकिन इसका ज़िम्मेदार कौन है ?

इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं लेकिन पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ का मानना है कि इस मौजूदा तनाव के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के राजनेता और आर्मी चीफ़ ज़िम्मेदार हैं.

हालांकि वो जैश-ए-मोहम्मद को आतंकी संगठन तो मानते हैं और ये भी मानते हैं कि पाकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति इमरान ख़ान ने जैश के ख़िलाफ़ जो कार्रवाई की है वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ है. लेकिन परवेज़ लश्कर-ए-तैय्यबा को कश्मीरियों के हक़ में काम करने वाला संगठन बताते हैं.

बीबीसी संवाददाता भूमिका राय ने परवेज़ मुशर्रफ़ से टेलीफ़ोन पर विस्तार से बात की.

परवेज़ मुशर्रफ़
Getty Images
परवेज़ मुशर्रफ़

आपके हवाले से मीडिया में ये ख़बर चल रही है कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया विभाग, जैश--मोहम्मद का इस्तेमाल करती है. कितनी सच्चाई है इस बात में?

मैंने ये कभी नहीं कहा है कि हमारा ख़ुफ़िया विभाग जैश-ए-मोहम्मद को सपोर्ट करता है. हां, मैंने ये ज़रूर कहा है कि जैसे रॉ हमारे मुल्क़ में, बलूचिस्तान में टेरररिस्ट को सपोर्ट करता है, वैसे ही हम लोग करते हैं आपके मुल्क़ में. हां, लेकिन दोनों को रुक जाना चाहिए. ये मैं हमेशा कहता रहा हूं. ये दोनों तरफ़ से है.

मैंने ये बात कभी भी सिर्फ़ पाकिस्तान के लिए नहीं कही कि हमारा ख़ुफ़िया विभाग ऐसा कर रहा है और वो ऐसा करके बहुत अच्छा कर रहा है.

पुलवामा हमले के बाद भारत ने एयर स्ट्राइक यानी हवाई हमला किया. इस पर आप क्या सोचते हैं?

भारत ने बिल्कुल ग़लत किया. मैं इसको कभी भी सही नहीं कहूंगा. ये बेहद ग़लत था. आप कैसे हमारे मुल्क़ पर अटैक कर सकते हैं... हम करने नहीं देंगे. हम जवाबी हमला करेंगे और आप देखें, वही हुआ. बात और बढ़ गई. फिर जंग की तैयारियां शुरू हो गईं.

नियंत्रण रेखा के पार आना या अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार आ जाना, पाकिस्तान इसकी इजाज़त हरगिज़ किसी को नहीं देगा.

आप जैश--मोहम्मद को तो आतंकी संगठन बताते हैं लेकिन लश्कर को नहीं, ऐसा क्यों?

सही बात है. क्योंकि उन्होंने (जैश-ए-मोहम्मद) पाकिस्तान में मेरे ऊपर भी हमला किया है. वो आतंकवादी हैं और आम नागरिकों पर हमला करना, अपने ही मुल्क़ में हमले करना ये आतंक है. और रही बात लश्कर की तो वो सिर्फ़ कश्मीर पर केंद्रित है इसलिए मैं नहीं समझता हूं कि वह आतंकी संगठन है.

वो मुजाहिदीन एक्टिविटी है और उसे शुरू हुए लगभग 20 साल हो चुके हैं. वो एक अलग चीज़ है और ये अलग चीज़ है, दोनों को मिलाना नहीं चाहिए.

लेकिन ख़ून-ख़राबा तो लश्कर भी करता है और बावजूद इसके आपने खुद को लश्कर प्रमुख हाफ़िज़ सईद का प्रशंसक बताया था. हाफ़िज सईद का नाम मुंबई में हुए 26/11 हमले में भी शामिल है.

पहली चीज़ तो ये कि भारत में हुए हमले में हाफ़िज़ सईद का नाम जोड़ना बिल्कुल ग़लत है. ये कहना कि मुंबई हमले में लश्कर शामिल था और हाफ़िज़ सईद शामिल था, सही नहीं है.

लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने भी तो लश्कर को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. आप लश्कर का बचाव कैसे कर सकते हैं?

प्लीज़... मुझे यूएन के बारे में न सिखाएं. मुझे पता है कि वहां जो रेज़ोल्यूशन पास होते हैं वो किस तरीक़े से पास होते हैं. वो न्याय संगत नहीं होते हैं वो प्रभाव से प्रेरित होते हैं. हम समझते हैं कि कश्मीर समस्या को निपटाना चाहिए ताकि ये जो सारा सिलसिला चल रहा है ख़त्म हो. अगर हम ये ख़त्म नहीं करेंगे तो ये सिलसिला चलता रहेगा.

ऐसा नहीं है कि ये जो आतंकी हमले हो रहे हैं ये बंद हो जाएंगे ये बल्कि और बढ़ जाएंगे. जब तक कश्मीर मसला सुलझता नहीं है इस तरह के हमले होते रहेंगे.

आज आप लश्कर को आतंकी संगठन नहीं मान रहे हैं लेकिन बतौर राष्ट्रपति आपने उन पर प्रतिबंध क्यों लगाया था?

जी हां, मैंने किया था लेकिन उस वक़्त मुझे लश्कर के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी इसलिए ऐसा फ़ैसला किया था. उनकी जो प्रमुख कैडर है वो धार्मिक युवा हैं और लश्कर ने उन्हें लोगों की भलाई में लगाया हुआ है.

बालाकोट
AFP
बालाकोट

अगर इन बच्चों को इन कामों में न लगाएं और दीवार की ओर करके इन्हें खड़ा कर दें और सज़ा दें तो यही बच्चे आगे चलकर तालिबान लड़ाके बन जाएंगे. ये हथियार उठा लेंगे इसलिए मैं कहूंगा कि हमें लश्कर का सकारात्मक पहलू भी देखना चाहिए कि वो है क्या.

लेकिन धर्म के नाम पर इन बच्चों के हाथ में हथियार दे देना आप जायज़ कैसे समझते हैं?

इनका किसी ने ब्रेनवाश नहीं किया है. ये लोग अपनी मर्ज़ी से यहां है. अपनी जान हथेली पर रखकर कश्मीर में अपने भाइयों और बहनों के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए पहुंच जाते हैं. वो तो अपनी तरफ से कश्मीरियों की मदद कर रहे हैं. पाकिस्तान हुक़ूमत उनको किसी भी तरह से नहीं उकसा रही है. इन लोगों की भर्ती की अपनी प्रक्रिया है.

हज़ारों लोग वेटिंग लिस्ट में हैं कि वो लश्कर में कब शामिल हों. इसे पाकिस्तान की हुक़ूमत कैसे रोके और वो रोक भी नहीं सकते क्योंकि आवाम उनके साथ है.

आपका मानना है कि पाकिस्तान ने डिक्टेटरशिप में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है, ऐसे में इमरान ख़ान के कार्यकाल को कैसे देखते हैं आप?

मैं समझता हूं कि कोई भी सिस्टम हो उसका मक़सद आवाम की खुशहाली होना चाहिए और मुल्क़ की तरक्की होनी चाहिए. हां, मैंने हमेशा ये कहा है कि पाकिस्तान में जब भी कोई मिलिट्री मैन आया है तो उसने पाकिस्तान को तरक्की दी है और ये कोई छिपी-छिपाई बात नहीं है.

वो चाहे अयूब ख़ान का ज़माना रहा हो या मेरा वक़्त पाकिस्तान ने इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा सभी में भरपूर तरक्क़ी की. अब जब कोई सुनने को राज़ी नहीं तो क्या करें... डेमोक्रेसी-डेमोक्रेसी. डेमोक्रेसी को हमने क्या चाटना है? जो डेमोक्रेसी आवाम के लिए काम नहीं कर सके, उसका क्या फ़ायदा है?

मौजूदा पाकिस्तान को क्या आप बदले हुए पाकिस्तान के तौर पर देखते हैं?

मोदी- इमरान
Getty Images
मोदी- इमरान

बिल्कुल. पाकिस्तान के बीते दस सालों को मैं डेकेड ऑफ़ डिज़ास्टर (बर्बादी का दशक) कहता हूं. इस दौरान सब डेमोक्रेसी चला रहे थे लेकिन आवाम पिस गई. पानी नहीं, खाने को खाना नहीं. ऐसे में क्या करना डेमोक्रेसी का. अब ये जो इमरान ख़ान आया है ये तब्दीली लाने के हक़ में है. इसकी नीयत अच्छी है, ये बहुत अच्छा चला रहा है.

पर कहा तो यही जाता है कि पाकिस्तान में पीएम कोई हो, सत्ता में तो सेना रहती है. इस पर आप क्या कहेंगे?

ये सारा कुछ प्रोपेगेंडा फैलाया हुआ है. आर्मी कुछ भी नहीं कर रही. ये सब सिर्फ़ बातें हैं. आपको पाकिस्तान की सिर्फ़ बुराई करनी है. यहां ये इमरान ख़ान अच्छा कर रहा है लेकिन आपको सिर्फ़ उसकी बुराई करनी है.

आप उसकी बुराई इसलिए करेंगे क्योंकि वो पाकिस्तान के लिए अच्छा है. हमें हिंदुस्तान के लिए अच्छा लीडर नहीं चाहिए, हमें पाकिस्तान के लिए अच्छा नेता चाहिए.

तो क्या आपको लगता है कि इमरान ख़ान जैसी सोच रखते हैं उससे भारत-पाकिस्तान के मुद्दे सुलझ जाएंगे?

आप इमरान की बात क्यों कर रही हैं, मोदी जी की तरफ़ से ये मसले नहीं सुलझेंगे. इमरान ख़ान तो करने की पूरी कोशिश कर रहा है पर आपके प्रधानमंत्री और बाकी राजनेता और टीवी चैनल जिस तरह की बात कर रहे हैं आपको लगता है, उससे ये सब सुलझेगा?

ये जो टीवी चैनल हैं इनकी वजह से लोगों में और नफ़रत बढ़ रही है. हम सर्जिकल स्ट्राइक कर देंगे, ये कर देंगे.. अरे, कैसे कर देंगे? भारत को ये समझना होगा कि पाकिस्तान एक बहुत मज़बूत मुल्क़ है, उसे हल्के में न लें. हर मुल्क़ की अपनी संप्रभुता है और उसकी इज़्जत की जानी चाहिए.

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English summary
Pakistan former President Pervez Musharraf makes a remark on PM Narendra Modi.
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