video: सामने आया पाकिस्तान का असली चेहरा: विदेश मंत्री कुरैशी ने करतारपुर को बताया स्टंट, कहा- इमरान की गुगली में फंसा भारत
इस्लामाबाद। एक दिन पहले ही पाकिस्तान में करतारपुर में कॉरिडोर का शिलान्यास प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा। इमरान इस मौके पर भारत के साथ बेहतर रिश्तों की वकालत कर रहे हैं। अब उनके ही विदेश मंत्री ने इस करतारपुर को एक स्टंट की तरह बताते हुए इसे इमरान खान की ओर से भारत को डाली हुई गुगली करार दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने करतारपुर कॉरिडोर पर दिए गए बयान के बाद विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह पाक की ओर से भारत को फेंके गए एक ऐसे जाल की तरह करार दिया है जिसमें भारत फंस गया। यह भी पढ़ें-पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने पीएम ने मोदी को लेकर कही बड़ी बात
|
100 दिन पूरे होने पर किया बखान
इमरान खान की सरकार के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में कुरैशी बोल रहे थे। जिस समय वह स्टेज से इमरान की सरकार की उपलब्धियों को गिना रहे है थे उनके पीएम सामने ही बैठे थे। कुरैशी ने कहा, 'हम रिश्तों को सुधारना चाहते हैं और कल आपने और पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे इमरान ने 'करतारपुर गुगली' भारत को डाली। इसका नतीजा था कि भारत, जो हमसे बात ही नहीं करना चाहता था, उसे पाकिस्तान आकर हमसे संपर्क करना पड़ा।' कुरैशी ने आगे कहा, 'हमें इस बात की खुशी है कि उन्होंने ऐसा किया क्योंकि हम शांति का संदेश देना चाहते हैं।'
तो यह थी पाकिस्तान की चाल
कुरैशी ने इसके बाद कहा कि अब अगला निशाना ईरान है जिसके साथ कई लोग पाक के रिश्तों को नष्ट करना चाहते हैं। लेकिन इमरान की सरकार पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते चाहती है। कुरैशी का यह बयान इस तरफ इशारा करता है कि पाकिस्तान चाहता था कि भारत के मंत्री करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के नाम पर उसके देश में आए और हुआ भी ऐसा ही। पाकिस्तान ने इस कार्यक्रम के लिए पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को आमंत्रित किया था लेकिन सुषमा ने कहा कि वह व्यस्तता के चलते कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकती हैं। सुषमा ने अपनी जगह पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुर और हरसिमरत कौर बादल पाकिस्तान गए थे।
सुषमा स्वराज ने दिया था बयान
पंजाब सरकार की कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी पाकिस्तान गए थे। सिद्धू को पाक सरकार की ओर से खास आमंत्रण मिला था। कुरैशी की ओर से यह टिप्पणी सुषमा स्वराज के एक दिन पहले दिए गए बयान पर आई है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता को फिर से शुरू करने की संभावना को स्पष्ट रूप से यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पाकिस्तान जब तक भारत के खिलाफ सीमा-पार से अंजाम दी जाने वाली आतंकवादी गतिविधियों को नहीं रोकता तब तक बातचीत संभव नहीं है।