पाकिस्तान में इमरान खान को पीएम बनने से रोकने के लिए तैयार हो रहा है महागठबंधन!
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चेयरमैन इमरान खान 11 अगस्त को देश के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने को तैयार हैं। हालांकि अभी तक इमरान को नेशनल एसेंबली में सरकार बनाने के लिए जरूरी 137 का आंकड़ा हासिल नहीं हो सका है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चेयरमैन इमरान खान 11 अगस्त को देश के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने को तैयार हैं। हालांकि अभी तक इमरान को नेशनल एसेंबली में सरकार बनाने के लिए जरूरी 137 का आंकड़ा हासिल नहीं हो सका है। इन सबके बीच पाकिस्तान में कई पार्टियां साथ आ गई हैं और सरकार के गठन की संभावनाएं तलाशने में लगी हैं। सोमवार को पाकिस्तान में चार पार्टियों के बीच सरकार के संभावित गठन पर चर्चा हुई है। इन पार्टियों ने नेशनल एसेंबली के अंदर और बाहर 25 जुलाई को हुए चुनावों में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन भी गए। पाकिस्तान के अखबार द डॉन की ओर से यह जानकारी दी गई है। ये भी पढ़ें-पीएम मोदी को शपथ ग्रहण के लिए इनवाइट करेंगे इमरान
चार पार्टियों के नेता मिले स्पीकर से
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), मुताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) और अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के नेताओं ने मुलाकात की। इन नेताओं ने कार्यवाहक स्पीकर अयाज सादिक से उनके घर पर मुलाकात की। सभी पार्टियों के नेता इस बात पर सहमत हुए हैं कि वह पीटीआई को सरकार नहीं बनाने देंगे। पीटीआई चुनावों के बाद देश की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से जो फाइनल रिजल्ट जारी किए हैं उसके मुताबिक पीटीआई अकेले दम पर सरकार बनाने के योग्य नहीं है।
पीटीआई के पास सिर्फ 115 सीटें
चुनाव आयोग की ओर जो नतीजे जारी किए गए हैं उसके मुताबिक पीटीआई को 115 सीटें मिली हैं यानी बहुमत के लिए अभी 22 सीटों की कमी है। वहीं पीएमएल-एन के पास 64 और पीपीपी ने चुनावों में 43 सीटें जीती हैं। डॉन ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि जमायत उलेमा-ए-इस्लाम के मौलाना फजलुर रहमान सलाह दी है कि उन सभी को पार्लियामेंट्री ऑफिस के बाहर एक साथ उम्मीदवार खड़े करने चाहिए ताकि पीटीआई को सरकार बनाने से रोका जा सके। एमएमए के पास 12 सीटे हैं और पीपीपी, पीएमएल-एन और एमएमए की सीटों को अगर मिला दिया जाए तो इनकी कुल सीटों की संख्या 117 होती है यानी पीटीआई की सीटों से दो ज्यादा।
करीब आ रहे हैं पीएमएल-एन और पीपीपी
रहमान नेशनल एसेंबली को बॉयकाट करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने पर राजी हो गए हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने पीपीपी और पीएमएल-एन के कहने पर ऐसा किया है। अयाज सादिक के घर पर पार्टी नेताओं की मुलाकात के दौरान पीटीआई को रोकने की रणनीति और साथ ही नेशनल एसेंबली के बाहर विरोध प्रदर्शनों के लेकर भी रजामंदी बनी है। यह विरोध प्रदर्शन तब होगा जब नए सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। पीएमएल-एन के एक सीनियर लीडर की ओर से कहा गया है कि एक पार्लियामेंट्री कमीशन बनाया जाए तो फर्जीवाड़े की जांच करे। यह पहला मौका था कि पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ ने पीपीपी के नेताओं से सीधी मुलाकात की है।