लॉकडाउन के बाद पाकिस्तान में पेट्रोल की 27 रुपए तक सस्ता, कीमतें फिर भी 100 रुपए के पार
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आर्थिक तंगी और कोरोना वायरस महामारी के बीच ही जनता के लिए एक अच्छी खबर आई है। कच्चे तेल की कीमतों में एतिहासिक गिरावट के बाद इस देश में पेट्रोल और बाकी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 20 रुवए तक की कटौती करने का ऐलान किया गया है। पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक नई कीमतें एक मई से लागू हो गई हैं। पाकिस्तान की रेगुलेटरी बॉडी की तरफ से कीमतों में कमी करने का फैसला लिया गया है।
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107 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल
पाक की ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी (ओजीआरए) पिछले कुछ समय से कीमतों में कमी पर विचार कर रही थी। अब अथॉरिटी ने पेट्रोल 15 रुपए और डीजल में 27 रुपए की कमी का फैसला किया। नई कीमतों के बाद पाकिस्तान में पेट्रोल 107 रुपए 25 पैसे की दर पर और लाइट डीजल ऑयल 77.45 प्रति लीटर बिक रहा है। बाकी पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में भी कमी का फैसला किया गया था। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी तेल की कीमतों मे गिरावट आ रही है। हालांकि उम्मीद थी कि पाक में हाई स्पीड डीजल और पेट्रोल की कीमतों में क्रमश: 33.94 रुपए और 20.68 रुपए की कमी आएगी।
आईएमएफ से विचार विमर्श के बाद फैसला
डॉन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) विचार-विमर्श के बाद अथॉरिटी ने फैसला लिया है। देशभर में पेट्रोलियम उत्पादों पर लगे जनरल सेल्स टैक्स(जीएसटी) को कम किया गया था। मगर अब इसमें 17 प्रतिशत का इजाफा किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा राजस्व इकट्ठा किया जा सके। जनवरी 2019 से पाक की सरकार हल्के डीजल ऑयल पर 0.5 प्रतिशत जीएसटी, दो प्रतिशत जीएसटी केरोसिन पर, आठ प्रतिशत पेट्रोल पर और 13 प्रतिशत जीएसटी हाई स्पीड डीजल पर तय की गई थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल सस्ता
पाकिस्तान में पेट्रोल और हाईस्पीड डीजल से सबसे ज्यादा राजस्व सरकार को मिलता है। कोविड-19 की वजह से देशभर में लॉकडाउन की स्थिति है और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स के उपभोग में तेजी से कमी आई है। इसकी वजह से राज्यों को राजस्व का भारी नुकसान पड़ रहा है। पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में 52 प्रतिशत तक की गिरावट आई थी लेकिन सरकार ने देश में कीमतों में सिर्फ 12-13 फीसदी की ही कमी की थी।
राजस्व के जरिए भरपाई की कोशिशें
आर्थिक संकट से जूझ रही पाकिस्तान सरकार इस कदम के जरिए राजस्व को हो रहे नुकसान की भरपाई करना चाह रही थी। पाकिस्तान ने पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से पांच बिलियन डॉलर का पैकेज लिया है जिसके लिए संस्था ने सरकार के सामने राजस्व बढ़ोतरी की भी शर्त रखी है। इन शर्तों को पूरा नहीं करने पर पाकिस्तान को कर्ज मिलने में दिक्कतें हो सकती हैं।