अमेरिकी दबाव के बाद लखवी के खिलाफ नोटिस, निकम ने बताया दिखावा
इस्लामाबाद। सिर्फ 48 घंटे हुए हैंं जब अमेरिका ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए पाक को कहा था कि वह 26/11 आतंकी हमले में अपनी जवाबदेही तय करे और जल्द से जल्द इंसाफ करे। अब पाक ने दबाव बढ़ता देख लश्कर-ए-तैयबा के नंबर दो आतंकी और हमलों के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को नोटिस जारी कर दिया है।
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सरकार को भी जारी हुआ नोटिस
पाक
की
एक
एंटी-टेररिज्म
कोर्ट
ने
वर्ष
2008
के
मुंबई
हमलों
से
जुड़ी
एक
सुनवाई
के
मामले
में
यह
नोटिस
जारी
किया
है।
नोटिस
उस
समय
जारी
हुआ
जब
कोर्ट
में
हमले
के
दौरान
लश्कर
के
10
आतंकियों
द्वारा
प्रयोग
की
गई
नाव
जांच-परख
करने
की
अनुमति
मांगने
वाली
अर्जी
पर
सुनवाई
हो
रही
थी।
लखवी
के
साथ
ही
कोर्ट
ने
सरकार
और
सातों
और
आरोपियों
को
नोटिस
जारी
किया
है।
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22 सितंबर को होगी जिरह
इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों के वकील मामले की अगली सुनवाई यानि 22 सितंबर को अपनी दलीलें पेश करेंगे। आपको बता दें कि अल-फौज नाम की नाव कराची में पाकिस्तानी अधिकारियों के कब्जे में है।
बताया जाता है कि नवंबर 2008 में मुंबई के ताज होटल पर हुए हमले में शामिल आतंकियों ने एके 47 राइफल और ग्रेनेड्स के साथ भारत में दाखिल होने के लिए इसी नाम का प्रयोग किया था।
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छह वर्ष का समय और लखवी की रिहाई
पाकिस्तान में मामले की सुनवाई शुरू हुए छह साल से ज्यादा समय हो गया है। हमले के मास्टरमांइड लश्कर ए तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी को करीब एक साल पहले जेल से रिहा कर दिया गया था। वह अब किसी अज्ञात जगह पर रह रहा है। बाकी छह दूसरे संदिग्ध रावलपिंडी के अदियाला जेल में बंद हैं।
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क्या कहना है उज्जवल निकम का
वहीं इस मामले में भारत की ओर से सरकारी वकील उज्जवल निकम का कहना है कि लखवी के खिलाफ नोटिस सिर्फ एक दिखावा है। निकम की मानें तो इस वर्ष सार्क सम्मेलन पाकिस्तान में होना है। ऐसे में पाक दुनिया को दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ है।
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जीत न समझें नोटिस
निकम की मानें तो यह सिर्फ एक नियमित प्रक्रिया है और इसे जीत न समझा जाए। निकम की मानें तो पाक में अभियोजन पक्ष की ओर से ऐसी ही एक अपील पहले भी दायर की गई थी। उसे खारिज कर दिया गया था।
इसके बाद इस्लामाबाद हाई कोर्ट में जब अपील दायर की गई तो हाई कोर्ट ने रावलपिंडी की एंटी-टेररिज्म कोर्ट को नई अपील दायर करने का आदेश दिया था।
निकम ने जानकारी दी कि अब आने वानी सुनवाई में यह तय होगा कि पाक नाव की जांच के लिए कोई कमीशन बनाता है या नहीं।