बिलावल भुट्टो ने चला ऐसा दांव, खतरे में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की कुर्सी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में आतंकी फंडिंग रोकने में नाकाम रहे पाकिस्तान को FATF ने अंतिम अल्टीमेटम दे दिया है। इसमें कहा गया है कि चार महीने के अंदर अगर पाकिस्तान आतंकवाद को मदद देना बंद नहीं करता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। अभी इस मामले में इमरान सरकार की किरकिरी हुई ही थी, इसी बीच उनके खिलाफ अपने ही देश में आवाज बुलंद हो गई है। विपक्षी पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने इमरान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है।
बिलावल भुट्टो ने किया देश विरोधी प्रदर्शन का ऐलान
पाकिस्तान में विपक्षी पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ देशविरोधी प्रदर्शन किए जाएंगे। बिलावल भुट्टो ने कहा, 'इमरान खान पर इस्तीफा देने का दबाव बनाने और देश में वास्तविक लोकतंत्र बहाल करने के लिए उनकी पार्टी देश में व्यापक स्तर पर सरकार विरोधी प्रदर्शन करेगी।' पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल ने कहा, 'सरकार जनता में अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है क्योंकि उसने अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है।'
अब अपने ही देश में घिर गए है इमरान खान
बिलावल भुट्टो ने अपनी पार्टी की एक रैली के दौरान कहा, 'हमारी मांग देश में फिर से लोकतंत्र बहाल करने की है। हम कृत्रिम लोकतंत्र को स्वीकार नहीं करते हैं। जनता के लोकतांत्रिक और सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को बहाल किया जाए और इसके लिए इमरान खान को इस्तीफा देना होगा।' यही नहीं उन्होंने आगे कहा कि इस मांग को लेकर देशभर में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसकी शुरुआत कराची से शुरू हो चुकी है।
'इमरान खान को इस्तीफा देना होगा'
बिलावल भुट्टो ने कहा, 'पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी 23 अक्टूबर को थार में विरोध प्रदर्शन करेगी, 26 अक्टूबर को सिंध प्रांत के काश्मोर में प्रदर्शन करेगी जबकि पंजाब में रैलियां 1 नवंबर से शुरू होंगी। हम पूरे देश का दौरा करेंगे...इमरान खान को जाना होगा। हम देश के हर नुक्कड़ पर इमरान खान की अक्षमता को उजागर करेंगे।' पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा संसद की सर्वोच्चता के लिए रचनात्मक भूमिका निभाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बिलावल ने इमरान खान पर कश्मीर मुद्दे को लेकर असंगत शासकों से समझौते का भी आरोप लगाया।
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