भारत के रुख से डरा पाक, WTO से लगाई भारत को रोकने की गुहार
इस्लामाबाद। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता है।' उन्होंने यह बात पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को तोड़ने के मकसद से बुलाई गई एक मीटिंग में कही थी। सिंधु जल संधि को लेकर भारत के कड़े रुख के बाद से पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है। बेचैनी में पाकिस्तान ने अब वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइेशन यानी डब्लूयटीओ का रुख कर लिया है।
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पाक को चाहिए मदद
भारत और पाक के बीच यह संधि 56 वर्ष पुरानी है। पाक ने डब्लूयटीओ से अपील की है कि वह इस मसले में मध्यस्थता करे और साथ ही पाक इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल में भी अपील दर्ज कराई है।
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पाक के न्यूज चैनल डॉन की ओर से जानकारी दी गई है कि अटॉर्नी जनरल आसिफ अली की एक टीम ने डब्लूयटीओ के हेडक्वार्टर जो कि अमेरिकी की राजधानी वाशिंगटन में है, वहां पर ऑफिसर्स से मीटिंग की है। पाक की टीम ने इस संधि के लिए मदद मांगी है।
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वर्ल्ड बैंक ने दिया मदद का भरोसा
पाक ने वर्ल्ड बैंक से भी इस मामले के लिए भी जजों का नियुक्ति करने के लिए कहा है। वर्ल्ड बैंक ने भी पाक को इस मसले में मदद का भरोसा दिलाया है।
वैसे मंगलवार को भी पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा था कि भारत इस संधि को तोड़ने का फैसला नहीं ले सकता है। अगर भारत ने ऐसा किया तो यह आर्थिक आतंकवाद जैसा होगा।