कश्मीर में बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने की तैयारी, आतंकियों के साथ मीटिंग कर रही पाकिस्तान आर्मी
इस्लामाबाद। 21 तारीख को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की एक अहम मीटिंग होने वाली है। इस मीटिंग में पाकिस्तान के भविष्य पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। लेकिन इससे बेखबर पाकिस्तान की सेना कश्मीर घाटी में आतंकवाद को नए सिरे से बढ़ावा देने की रणनीति में व्यस्त है। भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान सेना के बॉस इस समय उन आतंकी संगठनों के साथ लगातार मीटिंग्स कर रहे हैं जो प्रतिबंधित हैं मगर पिछले कई वर्षों से कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं।
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अगस्त 2019 से जारी हैं मीटिंग्स
पाकिस्तान आर्मी के हेडक्वार्टर रावलपिंडी में इन दिनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन और तालिबान के आतंकियों के साथ मुलाकातें चल रही हैं। पाक सेना के अलावा आईएसआई भी इन मीटिंग्स का हिस्सा है। भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसियों की मानें तो सभी आतंकी संगठनों के साथ पूर्व में भी ऐसी मीटिंग्स हुई हैं और अक्सर इन मीटिंग्स के बाद भारत में किसी आतंकी हमले को अंजाम दिया जाता है। एजेंसियों की मानें तो अगस्त 2019 से हील जैश और लश्कर के बीच रणनीति के तहत लगातार आतंकियों को कश्मीर में भेजा जा रहा है। पांच अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया था। भारतीय एजेंसियों की तरफ से एक डॉजियर तैयार किया गया है। इस डॉजियर के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में प्रतिबंधित संगठनों के सीनियर और जूनियर आतंकी मीटिंग्स में शामिल हुए थे। इन मीटिंग्स में जैश कमांडर मुफ्ती मोहम्मद असगर खान कश्मीरी भी शामिल था। असगर ही इन दिनों जम्मू कश्मीर आतंकियों की घुसपैठ का जिम्मा संभाल रहा है।
इस्लामाबाद में भी हो रही मुलाकात
पहली बड़ी मीटिंग 27 दिसंबर 2019 को हुई थी। इस मीटिंग में जमात-उद-दावा का जनरल सेक्रेटरी आमिर हमजा शामिल हुआ था। जमात-उद-दावा लश्कर का ही हिस्सा है। बहावलपुल में जैश के मरकज सुभान अल्लाह मेंइस मीटिंग को अंजाम दिया गया जिसमें कुछ सीनियर आतंकी मौजूद थे। इसके बाद 3-8 और फिर 19 जनवरी 2020 को एक मीटिंग इस्लामाबाद में हुई। सात मई को इस्लामाबाद में एक और मीटिंग हुई है। इस मीटिंग में जैश, लश्कर और हिजबुल के आतंकी भी मौजूद थे। इस मीटिंग में क्षमताओं को बढ़ाने, जिसमें हथियारों को साझा करने और ग्राउंड वर्कर्स को सपोर्ट देने पर भी चर्चा हुई। रिपोर्ट्स की मानें तो आतंकी संगठन इस बात के सख्त खिलाफ थे कि जम्मू कश्मीर में जैश के असगर खान के निर्देशों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी हिजबुल लेगा। यह भी तय हुआ है कि कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए हिजबुल चीफ सैयद सलाहुदद्दीन कश्मीरी और लश्कर के आतंकी अब्दुल अजीज अल्वी के साथ संपर्क में रहेगा।