पाकिस्तान: 18 कोशिशों के बाद भी कराची के कुओं से नहीं निकला तेल, पीएम इमरान की उम्मीदें खत्म
कराची। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अरब सागर में गैस और तेल भंडार से बहुत उम्मीदें थीं। उनका मानना था कि अरब सागर में मौजूद तेल और गैस का भंडार देश की आर्थिक दिक्कतों को दूर कर सकता है। लेकिन देश और प्रधानमंत्री की सारी उम्मीदें उस समय खत्म हो गईं जब 18वें प्रयास के बाद भी अरब सागर से तेल और गैस का भंडार नहीं निकल पाया। कराची में अब एक्सप्लोरेशन मिशन ने ड्रिलिंग का काम बंद कर दिया। यहां पर समंदर में 5500 मीटर तक गहरे कुओं में खुदाई के बाद भी कुछ हाथ नहीं लगा और कुएं सूखे ही नजर आए।
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आगे जारी रहेंगी कोशिशें
शनिवार को इस बात का आधिकारिक ऐलान किया गया कि केकरा-1 में ड्रिलिंग के काम को बंद कर दिया गया है क्योंकि यहां पर किसी तरह का कोई रिजर्व नहीं मिला है। जियो न्यूज की ओर से बताया गया है कि ऑपरेटर्स ने फैसला किया कि वे अब वे ड्रिलिंग नहीं करेंगे। ऑफिशियल्स की ओर से बताया गया है कि पूर्व में 18 बार कोशिशें की गईं लेकिन हर कोशिश असफल रही। हर बार ड्रिलिंग के बाद डाटा के बाद खुद को प्रोत्साहित करने की कोशिशें की गईं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस पूरे प्रकरण के बाद सरकार की ओर से खुद की छवि बचाने की कोशिशें भी की जा रही हैं। इमरान की सरकार में मैरिटाइम अफेयर्स मिनिस्टर हैदर जैदी ने गल्फ न्यूज के साथ बातचीत में कहा, 'हमनें अभी तक तेल तलाशने के केवल 18 प्रयास किए जबकि भारत को 43वें प्रयास में ऑफशोर सफलता हासिल हुई थी तो लीबिया को 58वें प्रयास में सफलता मिली। वहीं नॉर्वे और दूसरे देश जहां पर किसी को भरोसा नहीं था कि यहां पर रिजर्व हो सकता है, उन्होंने भी सन् 1954 से लेकर 1963 तक 78 बार ड्रिलिंग की थी और तब जाकर उन्हें सफलहा हासिल हुई।' उन्होंने कहा कि सरकार की उम्मीदें अभी खत्म नहीं हुई हैं और आगे भी विकल्पों की तलाश जारी रहेगी।
'इतना होगा तेल कि आयात की जरूरत नहीं होगी'
पेट्रोलियम मामलों पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक नदीम बाबर ने एक प्राइवेट न्यूज चैनल्स के साथ बातचीत में इस बात का ऐलान किया कि केकरा-1 में ऑफशोर ड्रिलिंग असफल रही है। यहां पर वो नतीजे नहीं मिले हैं, जिसकी उम्मीदें की जा रही थीं। पाकिस्तान को इस बात की काफी उम्मीदें थीं कि अरब सागर में तेल और गैस का भंडार मिल सकता है। केकरा-1 कुंआ इंडस जी-ब्लॉक में है और यह जगह कराची से करीब 280 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम में हैं और ईरान के करीब है। निश्चित तौर पर इमरान खान और उनकी सरकार के लिए यह एक बुरी खबर है। उनकी सरकार ने तेल और गैस भंडार से बड़ी आशाएं लगा रखी थीं। सरकार की ओर से तो इस भंडर के मिलने से पहले ही जश्न भी मना लिया गया था। इस वर्ष मार्च में इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान को तेल का आयात करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि कराची के करीब तेल का भंडार मिला है। पिछले वर्ष अगस्त में इमरान खान ने देश की बागडोर संभाली थी और तब से ही देश को बड़ी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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