पाकिस्तान: बलूचिस्तान में चीन के CPEC प्रोजेक्ट में लगे मजदूरों पर आतंकी हमला, 14 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बलूचस्तिान के दक्षिणी-पश्चिमी प्रांत में एक आतंकी हमला होने की खबरें हैं। इस हमले में आतंकियों ने अर्धसैनिक बलों को भी निशाना बनाया है। हमला तेज और गैस मजदूरों के काफिले पर हुआ है जिसकी सुरक्षा में पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात थे। बताया जा रहा है कि हमले में 14 लोगों की मौत हो गई है जिसमें 7 सैनिक भी शामिल हैं। यह बात इसलिए भी गौर करने वाली है क्योंकि बलूचिस्तान में इस समय चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) प्रोजेक्ट जारी है जिसका बलूचिस्तान में जमकर विरोध हो रहा है।
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कराची जा रहा था काफिला
गुरुवार को ग्वादर जिले के ओरमारा टाउन में सरकारी ऑयल एंड गैस डेवलपमेंट कंपनी (ओजीडीसीएल) के मजदूरों को निशाना बनाकर हमला किया गया है। पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है कि आतंकियों और फ्रंटियर कोर के सैनिकों के बीच भारी गोलीबारी हुई है जिसमें आतंकियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बयान में कहा गया है कि सात सैनिकों और सात निजी सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई है। ग्वादर में एक टॉप पुलिस ऑफिसर की तरफ से कहा गया है, 'आतंकियों ने ओरमारा के करीब बलूचिस्तान-हब-कराची तटीय हाइवे पर पहाड़ी के करीब से गुजर रहे काफिले पर हमला किया। यहां पर भारी गोलीबारी हुई। यह काफिला ग्वादर से कराची वापस आ रहा था।' आईएसपीआर की तरफ से बताया गया है कि यह हमला एक पूर्वनियोजित साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। आतंकियों के पास काफिले के बारे में सारी जानकारी थी और उन्हें पता था कि वो कराची जा रहे हैं। बयान में आगे कहा गया है, 'जवान काफिले के लिए इंतजार कर रहे थे। फ्रंटियर कोर और कुछ सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है मगर बाकी जवान अपनी जान बचाने में कामयाब रहे और काफिले को हमले वाली जगह से ओरमारा के पास ले जाया गया।'
60 बिलियन डॉलर वाले CPEC का गढ़ ग्वादर
ग्वादर पोर्ट 60 बिलियन डॉलर वाले सीपीईसी प्रोजेक्ट का मुख्य हिस्सा है। यहां पर कई डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को अंजाम दिया जा रहा है। साथ ही कई सरकारी संस्थानों के अधिकारी और विदेशी प्रोफेशनल्स के साथ मजदूर कड़े सुरक्षा दायरे में रह रहे हैं। आईएसपीआर की तरफ से इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है कि आतंकियों की संख्या कितनी थी। बस इतना ही कहा गया है कि भारी संख्या में आतंकियों ने मजदूरों को निशाना बनाया है। आईएसपीआर के मुताबिक सुरक्षाबलों ने प्रभावी तरीके से हमले का जवाब दिया, सुनिश्चित किया कि ओजीडीसीएल के कर्मी सुरक्षित रहें और इलाके से सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले की निंदा की है और घटना की रिपोर्ट मांगी है। बुधवार को भी यहां पर हमला हुआ था जोकि एक ग्रेनेड अटैक था। हमले में तीन बच्चों और सात मजदूरों की मौत हो गई थी। क्वेटा के बाहरी इलाके समगुली में इस समय एक पुल का निर्माण कार्य जारी है और इसमें लगे मजदूरों को आतंकियों ने निशाना बनाया था।