लादेन को मारवाने के लिए पाकिस्तान के जनरल कियानी ने अमेरिका के साथ की थी डील!
किस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई के फॉर्मर बॉस मोहम्मद असद दुर्रानी ने ओसामा बिन लादेन को अमेरिका और आईएसआई के पूर्व चीफ अश्फाक कियानी के बीच हुई एक डील के बाद मारा जा सका था। मई 2011 में यूएस नेवी सील कमांडो एबटाबाद के उस घर में दाखिल हुए थे जहां पर लादेन रह रहा था।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई के फॉर्मर बॉस मोहम्मद असद दुर्रानी ने कहा है कि ओसामा बिन लादेन को अमेरिका और आईएसआई के पूर्व चीफ अश्फाक कियानी के बीच हुई एक डील के बाद मारा जा सका था। मई 2011 में यूएस नेवी सील कमांडो एबटाबाद के उस घर में दाखिल हुए थे जहां पर लादेन रह रहा था। जिस जगह पर यह घर था पाकिस्तान आर्मी के सर्विंग और रिटायर ऑफिसर्स के घर बस कुछ ही कदम की दूरी पर थे। दुर्रानी अपनी किताब 'द स्पाई क्रॉनिकल्स' की लॉन्चिंग के लिए राजधानी में मौजूद थे। उनके साथ भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसी के पूर्व चीफ एएस दुलात भी थे।
किताब में लादेन पर एक पूरा चैप्टर
दुर्रानी
की
एक
किताब
में
एक
चैप्टर
है
'द
डील
फॉर
ओसामा
बिन
लादेन'
इसी
चैप्टर
में
दुर्रानी
ने
इस
पूरे
ऑपरेशन
के
बारे
में
बताया
है
जिसे
'ऑपरेशन
जेरेनिमो'
नाम
अमेरिका
ने
दिया
था।
उन्होंने
लिखा
है,
'अमेरिकी
हेलीकॉप्टर
देश
की
सीमा
के
150
किलोमीटर
अंदर
तक
पहुंच
गए
और
किसी
को
पता
ही
नहीं
चला?
हम
पर
अक्षम
होने
का
इल्जाम
लगा,
डबल
गेम
खेलने
का
इल्जाम
लगा
और
बदले
में
हमें
क्या
मिला?
मैं
अब
यह
जानना
चाहता
हूं।'
वहीं
जनरल
कयानी
पर
पैसों
की
लालच
में
अमेरिका
को
ओसामा
बिन
लादेन
की
जानकारी
देने
के
आरोप
पर
दुर्रानी
कहते
हैं,
'एनडीसी
यानी
नेशनल
डिफेंस
कॉलेज
में
कयानी
मेरा
फेवरिट
स्टूडेंट
था।
लेकिन
कभी
रिटायर
होने
के
बाद
से
वह
मुझसे
मिला
ही
नहीं
कि
मैं
उससे
पूछ
सकूं
कि
क्या
उसने
कोई
ऐसी
सौदेबाजी
की
थी।'
दुर्रानी
ने
लॉन्चिंग
के
मौके
पर
लादेन
से
जुड़े
ऑपरेशन
के
बारे
में
कई
अहम
और
दिलचस्प
जानकारियां
दीं।
दुर्रानी
ने
बताया
कि
जब
लादेन
को
मारा
गया
तो
उससे
पहले
अशफाक
कियानी
से
किसी
ने
एक
शिप
पर
मीटिंग
थी।