पाकिस्तान में चीन के नए राजदूत, राजनयिक नहीं, राजनेता को जिनपिंग भेज रहे हैं इस्लामाबाद
बीजिंग। पिछले दिनों चीन ने अपने 'भाई' पाकिस्तान में नए राजदूत की नियुक्ति का ऐलान किया। चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से नोंग रोंग को पाकिस्तान का नया राजदूत नियुक्त किया गया है। जो बात विशेषज्ञों को हैरान कर रही है, वह है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने राजनयिक की जगह इस बार एक राजनेता को चीनी दूत बनाकर पाकिस्तान भेजने का फैसला किया है। नोंग रोंग को कम्युनिस्ट पार्टी का एक कट्टर समर्थक माना जाता है। वह दक्षिण एशिया के अहम देश में जिनपिंग की पसंद के तौर पर जा रहे हैं। उनके एजेंडे में बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) को आगे बढ़ाने के साथ ही भारत को कमजोर करना भी शामिल है।
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क्यों जिनपिंग ने चुना है नोंग रोंग को
नोंग रोंग, यूनाइटेड फ्रंट वक्र्स डिपार्टमेंट (UFWD) से काफी करीब से जुड़े हैं। ऐसे में उन्हें पाकिस्तान भेजकर चीन दक्षिण एशिया में बीआरआई के लिए एक प्रभावी माहौल तैयार करना चाहता है। इसके अलावा उसका मकसद राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आलोचकों में मतभेद पैदा करना है। नोंग रोंग इसी हफ्ते इस्लामाबाद जाएंगे और वर्तमान राजदूत याओ जिंग की जगह लेंगे। पिछले कुछ वर्षों में चीन के राजनयिक जो दक्षिण एशिया में पोस्टेड हैं, उन पर हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अधिकतर के संपर्क UFWD से रहे हैं। बांग्लादेश में चीनी राजदूत ली जिमइंग हों या फिर श्रीलंका में चीन के पूर्व राजदूत चेंग श्यूयुनान हों, दोनों ही UFWD से ताल्लुक रखते हैं। विशेषज्ञें के मुताबिक जिनपिंग कई वर्षों तक इस संगठन का ही हिस्सा थे। इस संगठन का मकसद राजनीतिक, आर्थिक और दूसरे जरूरी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को मनोवैज्ञानिक तौर पर प्रभावित करना है। ऐसा करके फिर वह उस देश के सिस्टम में घुसपैठ कर सकते हैं, जो चीन की लिस्ट मे है। नेपाल में चीन की राजदूत होउ योंकी को पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के साथ एशियाई मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। साल 2012-2013 तक वह विदेश सुरक्षा मामलों के विभाग में डायरेक्टर थीं। वह अच्छी खासी उर्दू भी बोल लेती हैं।