करतारपुर कॉरिडोर: ओपनिंग से गायब रहे पाकिस्तान आर्मी चीफ, बार-बार पूछते रहे सिद्धू-कब आएंगे जनरल बाजवा
लाहौर। नौ नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ और इस दौरान पाकिस्तान की तरफ सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की गैर-मौजूदगी हर किसी को अखर रही थी। हर कोई उनके बारे में पूछ रहा था और इसमें एक नाम कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू का भी था। हर कोई बाजवा के साथ सेल्फी के लिए इंतजार कर रहा था और उनके न आने से कई लोग मायूस हुए। वहीं, पाकिस्तान सेना और सरकार के बीच मतभेद इस कार्यक्रम के साथ ही सामने आ गए।
कब आएंगे जनरल बाजवा
बाजवा की गैर-मौजूदगी के बारे में पाक मीडिया ने प्रमुखता से खबर छापी है। पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा हर कोई यही पूछ रहा था कि पाकिस्तान के जनरल कब आएगे। प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ बाजवा दोनों ही उस समय मौजूद थे जब कॉरिडोर की नींव रखी गई थी। दोनों के उस कार्यक्रम में आने से यही संदेश गया था कि सेना और सरकार के बीच पूरी तरह से सदभाव है और दोनों मिलकर काम करने में यकीन करते हैं।
सिद्धू लेते रहे बाजवा के बारे में जानकारी
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पाक के राजनयिक सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कुछ दिनों पहले सिद्धू ने सरकार के सूत्रों से इस बात की जानकारी ली थी कि जनरल बाजवा कार्यक्रम में आ रहे हैं या नहीं। सिद्धू को यही जवाब दिया गया था कि अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। कार्यक्रम के आयोजकों से जुड़े सूत्रों की ओर से शनिवार को यही जानकारी दी गई कि सिद्धू कार्यक्रम के दौरान भी यही पूछते हुए नजर आ रहे थे कि बाजवा क्यों नहीं आए। वह बाजवा को इस कार्यक्रम के लिए बधाई देना चाहते थे और साथ ही उन्हें गले लगाना चाहते थे। लेकिन उनकी ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी।
क्या हुआ इमरान के शपथ ग्रहण में
पिछले वर्ष जब सिद्धू, पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण में गए थे तो उन्होंने राष्ट्रपति भवन में मौजूद पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद से पहले हाथ मिलाया। कुछ सेकेंड्स बात करने के बाद सिद्धू और बाजवा ने एक-दूसरे को गले लगाया। जिस समय यह हो रहा था वहां पर पाकिस्तान की सेना के कई ऑफिसर्स और दूसरे डिप्लोमैट्स मौजूद थे। दोनों के बीच कुछ बातें भी हुईं और दोनों ने मुस्कुरा कर एक-दूसरे का स्वागत किया। सिद्धू ने जिस तरह से बाजवा को गले लगाया उससे खासा विवाद हुआ था।
सेना और सरकार में सब-कुछ ठीक नहीं
कॉरिडोर की ओपनिंग के ठीक पहले सरकार और सेना के मतभेद उस वक्त सामने आए थे जब सेना ने कहा कि करतारपुर आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट अनिवार्य होगा जबकि इसके पहले इमरान ने कहा था कि श्रद्धालु बिना पासपोर्ट के आ सकेंगे। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर के बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सफाई दी कि श्रद्धालु गलियारे के उद्घाटन के अवसर पर बिना पासपोर्ट आ सकेंगे। हालांकि इन सबके बीच भारत ने साफ कर दिया था कि करतारपुर यात्रा के लिए दोनों देशों के बीच हुए करार में जिन दस्तावेजों को श्रद्धालुओं के पास होना अनिवार्य किया गया है, उनकी अनिवार्यता बनी रहेगी।