इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह से पहले वाजपेयी के अंदाज में बोले नवजोत सिंह सिद्धू
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इस्लामाबाद। कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हैं। वह यहां पर पाकिस्तान के 22वें वजीर-ए-आजम इमरान खान के शपथ ग्रहण के लिए पहुंचे हैं। इमरान ने सिद्धू को शपथ ग्रहण के लिए इनवाइट किया था। सिद्धू के अलावा पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिल देव और सुनील गावस्कर को भी न्यौता मिला था लेकिन दोनों ने जाने से इनकार कर दिया। सिद्धू शुक्रवार को अटारी स्थित वाघा बॉर्डर को पार करके पाकिस्तान पहुंचे। जिस समय सिद्धू वाघा को पार कर रहे थे उन्हें दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की याद आ रही थी।
आलोचनाओं की कोई परवाह नहीं
पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री सिद्धू ने लाहौर पहुंचने के बाद कहा, 'मैं यहां पर अपने दोस्त की खुशी में शरीक होने के लिए आया हूं।' सिद्धू की मानें तो वह पाकिस्तान एक राजनेता के तौर पर नहीं बल्कि एक दोस्त के तौर पर आए हैं। 54 वर्षीय सिद्धू को पाकिस्तान जाने पर सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का भी सामना करना पड़ा है। सिद्धू ने अपनी सभी आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए बस इतना ही कहा कि उन्हें किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है और न ही वह इस बात की परवाह करते हैं कि लोग उनके बारे में क्या कह रहे हैं। सिद्धू ने पाक पहुंचने के बाद कहा, 'हिन्दुस्तान जीवे, पाकिस्तान जीवे।' सिद्धू ने ये लाइनें खास पाकिस्तान के लिए लिखी थीं। सिद्धू की मानें तो वह खुद को भारत के गुडविल एंबेसडर के तौर पर देखते हैं जो प्यार का संदेश लेकर पाकिस्तान आए हैं।
वाजपेयी के अंदाज में रखी अपनी बात
सिद्धू ने इस मौके पर वाजपेयी के अंदाज में ही अपनी बात रखी कि 'अगर पड़ोसी के घर में आग लगी होगी तो फिर उसकी आंच आप तक भी आएगी।'इमरान खान ने साल 1992 में पाकिस्तान को क्रिकेट वर्ल्ड कप दिलवाया था। इसके बाद 90 के दशक में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और क्रिकेट के सफल करियर को अलविदा कह दिया। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पिछले 20 वर्षों से पाक की राजनीति में है। 25 जुलाई को हुए चुनावों में पीटीआई पाक की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अब इसके आका इमरान देश के 22वें पीएम बनने जा रहे हैं। इमरान को पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में 176 सीटें हासिल हुई हैं।