मुश्किल में घिरे पाकिस्तान में निवेश करने से हिचकिचाता चीन, 72% तक आई गिरावट
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की मुसीबतें कम होने के बजाय और बढ़ती जा रही हैं और मुश्किल में पड़े इस दोस्त से पुरानी साथी चीन का साथ भी छूटता नजर आ रहा है। प्राइम मिनिस्टर इमरान खान इस बात को लेकर खुश थे कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) मदद के लिए छह बिलियन डॉलर देने पर राजी हो गया है। इसी बीच चीन की ओर से होने वाले निवेश में जब 72 प्रतिशत कमी होने की खबर आई तो उनका दिल और छोटा हो गया। पहले से ही पाकिस्तान महंगाई की मार झेल रहा है और पिछले दिनों रुपए की कीमत गिरने से हालात और खराब हो गए हैं। चीन से होने वाले निवेश में कमी से साफ है कि चीन अब पाकिस्तान में और ज्यादा पैसा न तो निवेश करना चाहता है और न ही किसी प्रोजेक्ट को फाइनेंस करना चाहता है।
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महंगाई हुई बेकाबू
पाकिस्तान के अखबार द डॉन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अप्रैल में चीन की ओर से निवेश 72 प्रतिशत गिरकर 6804 करोड़ पाकिस्तानी रुपए पर आ गया है। साल 2019 के अप्रैल महीने में यह 26,830 करोड़ पाकिस्तानी रुपए था। जबकि, देश में आने वाला विदेशी निवेश 42.6 प्रतिशत गिरा है। यह गिरकर तीन साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की ओर से चेतावनी दी गई है कि अगले वित्तीय वर्ष में महंगाई अपने चरम पर होगी। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) की ओर से पाकिस्तान को मिल रहे छह बिलियन डॉलर के पैकेज के दौरान जारी की गई। ऐसे में इस पैकेज को लेकर और जटिल हालात बन सकते हैं। माना जा रहा है कि इसकी ब्याज दर अधिक हो जाएगी।
रुपए की हालत खस्ता
खस्ता हालत में पहुंच चुका पाकिस्तान अब महंगाई की मार झेलने को मजबूर है। पिछले पांच वर्षों में यहां पर महंगाई अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। यहां पर रुपए की कीमत डॉलर के मुकाबले 150 रुपए तक हो चुकी है। आलम यह है कि रमजान के समय जब देश भर में लोग रोजा रख रहे हैं, महंगाई की वजह से उन्हें दाल और चिकन तक के लिए भारी रकम अदा करनी पड़ रही है। एक हफ्ते पहले तक पाकिस्तानी रुपए एक डॉलर के मुकाबले 141 पर बना हुआ है। पाक रुपए में 20 प्रतिशत तक गिरावट देखने को मिली है। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) के मुताबिक, मार्च 2019 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई बढ़कर 9.4 फीसदी पर पहुंच गई। पीबीएस का कहना है कि इस दौरान वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें पाकिस्तान में महंगाई बढ़ने की मुख्य वजह हैं।
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