खैबर पख्तूनख्वा की मोमिना बासित, पीटीआई के टिकट पर चुनाव जीतने वाली सबसे कम उम्र की महिला
25 जुलाई को पाकिस्तान में हुए आम चुनावों के बाद यहां पर सरकार बनाने का गणित शुरू हो गया है। जहां कई पुराने धुरंधरों ने चुनावों जीत हासिल की है तो कुछ लोग ऐसे हैं जो युवा हैं और पहली बार एसेंबली में पहुंचेंगे।
इस्लामाबाद। 25 जुलाई को पाकिस्तान में हुए आम चुनावों के बाद यहां पर सरकार बनाने का गणित शुरू हो गया है। जहां कई पुराने धुरंधरों ने चुनावों जीत हासिल की है तो कुछ लोग ऐसे हैं जो युवा हैं और पहली बार एसेंबली में पहुंचेंगे। पिछले दिनों आपने पढ़ा था कि खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) के लोअर डिर इलाके से 26 वर्ष की डॉक्टर सुमैरा शैम्स प्रोविंशयल एसेंबली में पहुंची हैं। डॉक्टर सुमैरा की ही तरह एक और नाम है मोमिना बासित का और मोमिना भी केपीके से चुनाव जीत हो चुकी हैं। वह पीटीआई की सबसे कम उम्र की महिला हैं जो प्रांतीय एसेंबली में पहुंच रही हैं। ये भी पढ़ें-इमरान खान की टीम की तरफ से 26 साल की इस महिला डॉक्टर ने बनाया इतिहास!
हजारा से चुनाव जीतने वाली पहली महिला
पीटीआई, केपीके में भी सरकार बना सकती है। मोमिना को रिजर्व सीट होने की वजह से टिकट मिली थी और उन्होंने हजारा डिविजन से चुनाव जीता है। हजारा डिविजन से कभी भी किसी महिला ने चुनाव नहीं लड़ा था। अब वह पार्टी की उन चुनिंदा महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने रिजर्व सीट से चुनाव जीता है। अभी यह तय नहीं हो पाया है कि मोमिना को पार्टी कौन सा रोल देगी लेकिन चुनाव जीतकर मोमिना ने एक नया मुकाम हासिल कर लिया है। यहां यह बात और गौर करने लायक है कि जिस जगह से मोमिना ने चुनाव जीता है वहां पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की मजबूत पकड़ है।
एबट्टाबाद में रहती हैं मोमिना
मोमिना हजारा क्षेत्र में पीटीआई की महिला विंग की प्रेसीडेंट हैं। इसके अलावा सवाई प्रोजेक्ट की को-ऑर्डिनेटर भी हैं। मोमिना, एबट्टाबाद में रहती हैं और यहां की आम जनता के बीच काफी पॉपुलर हैं। मोमिना पिछले कई वर्षों से पार्टी के लिए काम कर रही हैं। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कहा कि वह पूरे हजारा क्षेत्र में महिला विंग को बढ़ाएंगी और महिलाओं के कल्याण के लिए काम करेंगी। मोमिना इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर काफी पॉपुलर हैं। इंस्टाग्राम पर मोमिना को 16 हजार से भी ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
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पीटीआई ने दिए थे 15 महिलाओं को टिकट
केपीके में महिलाओं के लिए 21 सीटें आरक्षित हैं और पीटीआई ने 15 महिलाओं को टिकट दिया था। मोमिना की ही तरह इस समय डॉक्टर सुमैरा शैम्स की भी काफी चर्चा है। सुमैरा लोअर डिर की रहने वाली हैं। यह खैबर का एक ऐसा इलाका हैं जहां पर महिलाओं के वोट डालने पर पाबंदी है। सुमैरा ने साल 2013 में वोट डाला था और इसके साथ यहां की पहली महिला वोटर भी बन गई थीं। सुमैरा की मां और उनकी बहन भी प्रेरणास्त्रोत हैं। सुमैरा की बहन नूरेना शैम्स पाकिस्तान की मशूहर स्क्वाश खिलाड़ी हैं। इसके अलावा वह क्रिकेटर भी रह चुकी हैं और साइक्लिस्ट के तौर पर भी नाम कमा चुकी हैं।