Masood Azhar: एक 'मोटू' से कैसे ग्लोबल आतंकी बन गया जैश सरगना
इस्लामाबाद। ग्लोबल टेररिस्ट (Global Terrorist) मसूद अजहर (Masood Azhar)जो आज भारत में कई हमलों का गुनाहगार है और कई मासूम लोगों की हत्या का दोषी है, उसका न सिर्फ स्कूल में मजाक उड़ाया जाता था बल्कि एक बार तो उसे जिहादी स्कूल से निकाल भी दिया गया था। अजहर को उसके वजन की वजह से लोगों के मजाक का सामना करना पड़ता था। इंडिया टुडे की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। यूनाइटेड नेशंस (UN) ने एक मई को चीन की ओर से टेक्निकल होल्ड हटाने के बाद मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है।
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वजन की वजह से उड़ाया जाता था मजाक
मसूद अजहर ने कराची के मदरसा से इस्लामिक शिक्षा ली है। उसे एक बार अफगानिस्तान स्थित जिहादी ट्रेनिंग कैंप में भेजा गया था। जम्मू और कश्मीर में साल 1994 में जब उसे गिरफ्तार किया गया था, तो अजहर ने पूछताछ में कई अहम बातें बताई थीं। अजहर ने इसी दौरान जांचकर्ताओं को बताया था कि ट्रेनिंग के दौरान उसके छोटे कम और वजन की वजह से लोग उस पर हंसते थे। वह पानी से भरे गड्ढों को भी पार नहीं कर सकता था। न ही अपनी बंदूक से सही तरीके से निशाना लगा पाता था। उसके साथी अक्सर उसे मोटू कहकर चिढ़ाते थे। अजहर को को 40 दिनों के अनिवार्य ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद निकाल दिया गया था। वह वापस कराची के मदरसा में आ गया था।
श्रीनगर से हुआ गिरफ्तार
मसूद अजहर हरकत-उल-मुजाहिद्दीन (हम) की तरफ से फंड इकट्ठा करने से जुड़े वर्ल्ड टूर के सिलसिले में भारत आया था। यह आतंकी संगठन अफगानिस्तान में सक्रिय है। उस दौरान अजहर दिल्ली, लखनऊ और अयोध्या में भी रुका था। अजहर इसी दौरान उस जगह पर भी गया जहां बाबरी मस्जिद थी। इसके बाद वह आतंकियों की भर्ती के लिए श्रीनगर पहुंचा था। शुक्रवार के भाषण के लिए वह जामा मस्जिद जा रहा था और उसकी कार खराब हो गई थी। उस समय उसके साथियों ने एक ऑटो-रिक्शा ली। इसी दौरान पुलिस को उसका पता लगा और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
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स्कूल से निकाले जाने के बाद टीचर की नौकरी
पूछताछ में मसूद अजहर ने बताया कि उसके पिता बहावलपुर में एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं और उसका जन्म यहीं पर हुआ था। उसके पिता के दोस्त ने सलाह दी थी कि उसे जामिया उलूम उल इस्लामिया मदरसा में भेजा गया जो कि कराची में है। यहां से उसकी जेहादी और एक आतंकी बनने का सफर शुरू हुआ। जेहादी ट्रेनिंग स्कूल से निकाले जाने के बाद अजहर ने एक मदरसा में टीचर की नौकरी कर ली। उसने एक मैगजीन भी निकाली।
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पुर्तगाल के पासपोर्ट के दम पर हुआ दाखिल
एक समय ऐसा था जब इस आतंकी को हैंडल करना सेना और पुलिस के लिए बहुत ही आसाना था। 90 के दशक में मसूद अजहर का हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की गई थी। एक पूर्व पुलिस अधिकारी की मानें तो हिरासत में दौरान जब एक इंडियन आर्मी आफिसर ने अजहर को थप्पड़ रसीद किया तो वह पूरी तरह से कांप उठा था।सिक्किम पुलिस के पूर्व डीआईजी रहे अविनाश मोहानाने का कई बार मसूद अजहर से आमना-सामना हुआ। उन्होंने साल 1994 में इस खतरनाक आतंकी को हिरासत में लिया था। फरवरी 1994 में अजहर को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग से गिरफ्तार किया गया था। पुर्तगाली पासपोर्ट के दम पर अजहर बांग्लादेश के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था।
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