London Bridge attack: हमले वाली जगह से बस कुछ ही दूर थे पूर्व पीएम नवाज शरीफ
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लंदन। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ लंदन ब्रिज पर हुए आतंकी हमले के प्रत्यक्षदर्शी बन गए हैं। नवाज उस समय अस्पताल के लिए उसी ब्रिज से गुजर रहे थे जब उस्मान खान नामक आतंकी मासूमों पर चाकू हमला करना शुरू कर दिया। पाक अखबार डॉन की ओर से बताया गया है कि हमले के समय नवाज को ब्रिज से ही वापस लौटने को कहा गया था।
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पुलिस की तरफ से जारी अलर्ट
नवाज को शुक्रवार को रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाना था और वह रास्ते में थे जब पुलिस की तरफ से एक अलर्ट जारी किया गया था। अलर्ट में पुलिस ने कहा कि ब्रिज पर गोलियां चलने की आवाज आई है। हॉस्पिटल, लंदन ब्रिज से बस पांच मीटर की दूरी पर है। नवाज वहां से पार्क लेन के एवेनफील्ड में अपने फ्लैट पर वापस आ गए। शुक्रवार को दोपहर करीब दो बजे लंदन ब्रिज पर हमले की खबरें आनी शुरू हुई थीं। इस हमले में करीब पांच लोग घायल हैं और दो नागरिकों को भी ढेर कर दिया गया है। वहीं आतंकी उस्मान को पुलिस ने गोलीबारी में ढेर कर दिया है।
दो लोगों की मौत
लंदन के एतिहासिक लंदन ब्रिज पर हुए आतंकी हमले में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को हुए इस हमले में अब पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि हमले को पाकिस्तानी मूल के नागरिक 28 साल के उस्मान ने अंजाम दिया है। ब्रिटिश मीडिया की मानें तो उस्मान का नाम पुलिस के लिए नया नहीं है बल्कि पहले भी उसका नाम आतंकी वारदातों में सामने आ चुका है। पुलिस ने उस्मान को भी ढेर कर दिया है। उसने पीओके में उस जमीन पर आतंकी कैंप्स खोलने की प्लानिंग भी की थी जिस पर उसके परिवार का मालिकाना हक है।
पाकिस्तान के उस्मान ने किया हमला
उस्मान, पाकिस्तान का रहने वाला था और उसे साल 2012 में उसे लंदन स्टॉक एक्सचेंज को बम से उड़ाने की साजिश के तहत गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से जो टारगेट लिस्ट स्कॉटलैंड यार्ड को मिली है उसमें उसने क्रिसमस के मौके पर प्राइम मिनिस्टर बोरिस जॉनसन के घर के अलावा अमेरिकी दूतावास और लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर हमला करने की तैयारी की थी।
बंद किए गए ट्यूब स्टेशन और बस स्टॉप
उस्मान ने अपनी किशोरावस्था का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में गुजारा और उसने स्कूल के बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। वह अपनी बीमार मां के साथ पाकिस्तान में रहता था। अप्रैल 2013 में उसे कोर्ट ने 16 साल की सजा सुनाई थी। लेकिन फिर से घटाकर आठ साल कर दिया गया था। लंदन एंबुलेंस सर्विस ने आतंकी हमले को एक बड़ी दुर्घटना करार दिया है। घटना की वजह से पैदल चलने वाले लोगों में डर और भय का माहौल था। लंदन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से लंदन ब्रिज ट्यूब स्टेशन और बस स्टॉप को बंद कर दिया गया है।