फिर से सक्रिय हुए लश्कर ए तैयबा के ट्रेनिंग कैंप्स, हाफिज सईद के बेटे ने संभाला जिम्मा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के मीरपुर और सियालकोट में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग कैंप फिर से शुरू हो गया है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के डर से पाक इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई ने कुछ समय पहले इसे बंद कर दिया था। अब ये ट्रेनिंग कैंप्स फिर से एक्टिव हैं और हाफिज सईद का बेटा तलहा इसे ऑपरेट कर रहा है।
कश्मीर के लिए होगा कंट्रोल रूम
रिपोर्ट में कहा गया है कि लश्कर के लिए खोला गया यह कैंप मीरपुर के मांगला और सियालकोट के हेड मराल में है। लश्कर ने इन कैंपों के लिए आतंकियों की भर्ती भी शुरू कर दी है। भर्ती स्वात घाटी के पास पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से सटे कबीलाई इलाकों, पेशावर, क्वेटा और इलाका-ए-घैर में की जा रही है। पिछले दिनों आईएसआई और आतंकी संगठनों के बीच कई बैठकें भी हुईं थी। इनमें पीओके में सक्रिय कई आतंकी संगठनों के कमांडरों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद तय किया गया कि 'कश्मीरी जेहाद' के कंट्रोल रूम पीओके और पाक-अफगान सीमा पर बनाए जाएंगे। साथ ही आतंकियों की नई भर्ती पर भी जोर दिया जाएगा। कुछ दिनों पहले जाजर्टाउन विश्वविद्यालय की क्रिस्टीन फेयर ने हडसन इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक में एक गोलमेज सम्मेलन के दौरान कहा कि वास्तव में पाकिस्तान सेना, लश्कर के आतंकियों को ट्रेनिंग देती है और इसी वजह से वे इतने सक्षम हैं। क्रिस्टीन की मानें तो लश्कर, आईएसआई का एक अच्छा मुखौटा है।