26/11 मुंबई हमले की जांच कर रहे आयोग को आतंकी लखवी ने दी चुनौती
लाहौर। 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता जकी-उर-रहमान लखवी एवं अन्य छः संदिग्धों ने आतंकवादी हमले की जांच करने वाले पाकिस्तान के न्यायिक आयोग की वैधता को चुनौती दी है।
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हमले की जांच करने पाकिस्तानी आयोग 2013 में भारत आया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने कहा कि बचाव पक्ष के वकीलों ने सोमवार को न्यायिक आयोग की वैधता को चुनौती दी है जो चार भारतीय अभियोजन के गवाहों का बयान दर्ज करने के लिए आयोग मुंबई गया था।
इससे पहले भी दायर की थी याचिका
जब इस बारे में पूछा गया कि क्या ट्रायल कोर्ट ने पहले से ही कमीशन की कार्यवाही 'अमान्य और निरस्त' नहीं घोषित किया है, इस पर अब्बासी ने कहा कि नहीं ट्रायल कोर्ट ने कमीशन की कार्यवाहियों को अमान्य और निरस्त नहीं घोषित नहीं किया और हमने इस हफ्ते की शुरूआत में ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट में इस वैधता को चुनौती देने वाली याचिका दायर की है।
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बता दें कि इससे पहले 2013 में भी बचाव पक्ष के वकील ने आयोग की वैधता को चुनौती दी थी लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था।
बता दें उपरोक्त पाकिस्तानी न्यायिक आयोग जिसे लखवी सहित अन्य 6 संदिग्ध आरोपियों ने चुनौती दी है, वो 2013 में मुंबई अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही लेने आया था।
इनका लिया था बयान
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आयोग ने मजिस्ट्रेट आर.वी. सावंत (अजमल कसाब का बयान लेने वाले),रमेश महाले (मामले के चीफ इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर), गणेश धुनराज और चिंतामन मोहिते (हमले के दौरान मारे गए आतंकियों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर) के बयान रिकॉर्ड किए थे।
आयोग ने इनके बयान 2012 में रिकॉर्ड किए थे लेकिन भारत और पाक के बीच 'आधिकारिक समझ' के कारण इनसे जिरह नहीं की गई।
लखवी के वकील ने याचिका दायर की है जो आयोग भारत गया था उसे 4 प्रमुख चश्मदीदों से जिरह करने की अनुमति नहीं दी गई।