पाकिस्तान का दोगला चेहरा, 24 आतंकी केस से हाफिज को अलग करने की अर्जी लाहौर हाई कोर्ट में मंजूर
लाहौर। पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद को लाहौर हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिलने की खबर आ रही है। जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना हाफिज सईद ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका कोर्ट में दी थी। कोर्ट ने इस याचिका को मंजूर कर लिया है। लाहौर हाई कोर्ट की दो जजो वाली बेंच ने बहस सुनने के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार और काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। हाफिज की याचिका टेरर फाइनेंसिंग केस से जुड़ी है। बताया जा रहा है कि उसकी याचिका में उसे 24 मामलों से अलग करने की अर्जी कोर्ट में दायर की गई थी जिसे मंजूर किया गया है।
मुश्किल है पाकिस्तान के लिए समय
सईद की यह याचिका ऐसे नाजुक समय पर लाहौर हाई कोर्ट में मंजूरी की गई है जब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की एक मीटिंग अगले हफ्ते होने वाली है। संगठन के एशिया पैसेफिक ग्रुप (एपीजी) ने अपनी रिपोर्ट में पाक को कड़ी फटकार लगाई है। एपीजी की रिपोर्ट के मुताबिक पाक ने 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और दूसरे आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाक ने हाफिज सईद के खिलाफ यूएनएससीआर1267 के तहत जरूरी कदम नहीं उठाए गए हैं। एपीजी की रिपोर्ट को म्युचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट ऑफ पाकिस्तान नाम दिया गया है। रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई है और इसमें कहा गया है पाकिस्तान 40 में से 32 पैरामीटर पर नाकाम रहा।
पाकिस्तान को आईएसआई, अलकायदा, जमात-उद-दावा, जैश-ए-मोहम्मद सहित अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के मामले की पहचान कर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 228 पेज की इस रिपोर्ट के आने के बाद अगले हफ्ते पेरिस में होने वाली मीटिंग में पाक के ब्लैकलिस्ट होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। एपीजी की रिपोर्ट से पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकालकर ब्लैक लिस्ट में डालने का खतरा बढ़ गया है।