लाहौर में शादी करने वाली किरनबाला के मामले को एक माह में सुलझाने का कोर्ट ने दिया आदेश
बैसाखी मनाने पाकिस्तान गई और फिर वहां जाकर इस्लाम कबूल कर निकाह करने वाली भारतीय सिख महिला के मामले को पाकिस्तान की कोर्ट ने मामले को एक माह के अंदर सुलरझाने का आदेश दिया है। अब एक माह बाद ही तय हो सकेगा कि यह महिला पाकिस्तान में रहेगी या फिर भारत वापस आएगी।
लाहौर। बैसाखी मनाने पाकिस्तान गई और फिर वहां जाकर इस्लाम कबूल कर निकाह करने वाली भारतीय सिख महिला के मामले को पाकिस्तान की कोर्ट ने मामले को एक माह के अंदर सुलरझाने का आदेश दिया है। अब एक माह बाद ही तय हो सकेगा कि यह महिला पाकिस्तान में रहेगी या फिर भारत वापस आएगी। भारतीय सिख महिला 31 वर्ष की किरन बाला के वीजा और नागरिकता का मामले ने इन दिनों भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को उलझा रखा है। किरनबाला बैसाखी के मनाने पाकिस्तान गए भारतीय जत्थे का हिस्सा थी।
किरन ने लिखी पाक विदेश मंत्रालय को चिट्ठी
लाहौर में एक मुस्लिम शख्स से शादी के बाद उसने पाकिस्तान गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी और अपने वीजा की समयावधि बढ़ाने की मांग की थी। किरन का कहना था कि भारत लौटने पर उसकी जान को खतरा हो सकता है। किरन ने लाहौर हाई कोर्ट में नागरिकता और वीजा बढ़वाने को लेकर अर्जी भी दायर की थी। निकाह के बाद उसने अपना नाम बदलकर आमना बीबी कर लिया था। अब कोर्ट ने गृह मंत्रालय को आदेश दिया है कि वह जल्द फैसला लें कि क्या किरन बाला का वीजा छह माह के लिए बढ़ाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि करन बैसाखी पर्व पर पंजाब के होशियारपुर से पाकिस्तान के ननकाना साहिब में दर्शन करने गये जत्थे में शामिल थी। लेकिन वहां पर उसने जत्था छोड़ दिया और 16 अप्रैल को शादी कर ली। उसे 21 अप्रैल को लौटना था।किरनबाला ने इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में अर्जी दायर कर लाहौर के मोहम्मद आजम से निकाह कबूल कर लिया। वह 10 अप्रैल को पाकिस्तान के लिए निकली थी, अब उसने कहा है कि वह 21 अप्रैल को भारत लौटने वाले जत्थे के साथ वापस नहीं आएगी। किरन के धर्म परिवर्तन के बारे में लाहौर की मस्जिद के मौलवी रगीब नईमी ने पुष्टि की है।
तीन बच्चों की मां है किरन
किरन के ससुर तरसेम सिंह ने बताया कि किरन इंटरनेट पर व्यस्त रहती थी। वह कैसे और कब एक पाकिस्तानी के संपर्क में आई इसकी कोई जानकारी नहीं है। लेकिन हो सकता है कि वह फेसबुक के जरिए पाकिस्तानी युवक से मिली हो। तरसेम को शक है कि वह पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रही हो। पति की मौत के बाद वह हिमाचल प्रदेश में एक बिस्किट फैक्टरी में काम करने लगी थी। बाद में घर से ही सिलाई-कढ़ाई का काम करके गुजर बसर कर रही थी। अचानक गुमसुम रहने लगी। उसकी दुनिया मोबाइल तक सिमट गई। किरन के ससुर तरसेम सिंह इस समय गुरुघर में प्रमुख ग्रंथी है। उन्होंने बताया कि किरण बाला बच्चों को यह कहकर गई थी कि वह दर्शन करके घर वापस आ जाएगी। भरोसा मिलने पर ही उसने अपनी बहू को एसजीपीसी के अधिकारियों के सुपुर्द किया था। उन्होंने कहा था कि वह उसकी सुरक्षा की जम्मेदारी लेते हैं। वापस सुरक्षित घर लाएंगे। बताया जा रहा है कि किरण बाला के पिता का नाम मनोहर लाल है। तरसेम ने बताया कि वर्ष 2005 में उसके बड़े बेटे नरिंदर सिंह के साथ किरण बाला का प्रेम विवाह हुआ था। किरण बाला के दो लड़के और एक बेटी हैं। सबसे बड़ी लड़की इंद्रजीत कौर (12), एक आठ साल का लड़का अर्जुन सिंह और सबसे छोटा लड़का गुरमुख सिंह 6 साल का है। नरिंदर की 2015 में सड़क र्दुघटना में मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद किरण अपने ससुराल में ही रह रही थी।