लाहौर में हुआ हमला क्यों भारत के लिए है खतरे की घंटी
लाहौर। रविवार को पाकिस्तान के लाहौर शहर में ईस्टर के मौके पर हुए सुसाइड ब्लास्ट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। 70 लोगों की जान लेने वाले इस हमले की जिम्मेदारी जमात-उल-अहरार या जेयूए ने ली है। जेयूए वर्ष 2014 में पाकिस्तान तालिबान या तहरीक-ए-तालिबान से टूटकर बना था। यह कहीं न कहीं भारत की ओर बढ़ते एक बड़े खतरे का भी इशारा है।
'हम आ गए हैं लाहौर तक'
जेयूए ने आईएसआईएस को समर्थन देने की कसम के साथ आतंक फैलाने का काम शुरू किया था। इस हमले के साथ ही संगठन ने पाक पीएम नवाज शरीफ को संदेश भी भेजा है कि व लाहौर तक आ पहुंचे हैं।
भारत में पहले से पाक में मौजूद आतंकी संगठनों की खतरनाक साजिशों को अंजाम देने की कोशिशों होती रहती हैं।
लाहौर हमले के बाद पीएम मोदी ने किया नवाज को फोन
दिल्ली से 437 किमी दूर ISIS जैसा आतंकी संगठन
आईएसआईएस को समर्थन देने वाले इस संगठन की आहट से साफ है कि अगर अभी अलर्ट नहीं हुए तो फिर आतंकियों के लिए दिल्ली दूर नहीं होगा।
जेयूए की विचारधारा बिल्कुल आईएसआईएस से मिलती है और रविवार को हुए हमले ने यह बात साफ कर दी है। सिर्फ इतना ही नहीं जेयूए का मकसद भी आईएसआईएस की तरह एक अलग इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना है।
यहां आपको बताना चाहेंगे कि लाहौर, पाकिस्तान का वह शहर है जो भारत की राजधानी से 437 किमी दूर है और इस शहर से दिल्ली आते समय पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य रास्ते में पड़ते हैं।
पहले पाकिस्तान बनेगा इस्लामिक स्टेट
जेयूए को अल कायदा के करीबी उमर खालिद खोरासानी ने तैयार किया था। आईएसआईएस की सफलता से प्रेरणा लेकर आज इस संगठन ने अपना इरादा और काम करने का तरीका बदल दिया है।
अब यह संगठन न सिर्फ आईएसआईएस को अपना समर्थन देना चाहता है बल्कि पाकिस्तान में आईएसआईएस की विचारधारा को लागू करने की कोशिशों में लगा हुआ है।
कश्मीर में मौजूदगी मजबूत करने की कोशिश करता ISIS
टीटीपी से अलग हुए इस संगठन की स्थापना के समय खोरसानी ने कहा था कि पाक तालिबान में अब अनुशासन नहीं बचा है।
संगठन के अंदर होने वाली लड़ाई की वजह से खोरसानी ने इस संगठन की शुरुआत की। खोरसानी को हमेशा से ही विचारधारा पर चलने वाला व्यक्ति माना गया है।
फिर एशिया को बनाया जाएगा इस्लामिक स्टेट
खोरसानी की अल कायदा की करीबी की वजह से अक्सर लोगों को आईएसआईएस से इस संगठन की बढ़ती करीबी पर शक रहता है।
मौलना कासिम खोरसानी ने इस संगठन को आईएसआईएस के करीब कर दिया। खोरसानी न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरे एशिया में इस्लामिक स्टेट को बनाने का सपना देख रहा है।
अफगानिस्तान के एक शहर पर तालिबान का कब्जा
यह बात भारत के लिए एक और बड़ी चिंता का विषय है। लाहौर हमले के बाद से साफ है कि आतंकी क्रिश्यिचन समुदाय को अपना निशाना बनाना चाहते हैं।
खोरसानी ने साफ-साफ कहा था कि इस्लामिक स्टेट की शुरुआत पाकिस्तान से होकर पूरे एशिया तक फैलनी चाहिए।