14वीं बार कुलभूषण जाधव को कांसुलर उपलब्ध कराए जाने की मांग पाकिस्तान ने की खारिज
पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त गौतम बंबावाले ने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट की कापी उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त गौतम बंबावाले ने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट की कापी उपलब्ध कराने के लिए कहा है। इस चार्जशीट के आधार पर कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई गई है। भारत की तरफ से कहा गया है कि इस फैसले के खिलाफ वो अपील करेंगे और पाकिस्तानी आर्मी एक्ट का भी अध्ययन किया जाएगा।
पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जानजुआ के साथ बैठक में 14वीं बार कुलभूषण जाधव को कांसुलर उपलब्ध कराने की मांग की गई। पर जानजुआ ने कहा कि यह जासूसी का मामला है और ऐसे मामले में हम कांसुलर को दिए जाने की सुविधा हम नहीं दे सकते हैं। भारत ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक कुलभूषण जाधव को कांसुलर दिया जाना चाहिए। आपको बताते चले कि पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा दी है। Read more:पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित बोले, भारत जानता है क्यों कुलभूषण जाधव को दी फांसी की सजा
कुलभूषण जाधव को 3 मार्च, 2016 को गिरफ्तार किया गया था। कुलभूषण जाधव पर आरोप है कि उन्होंने बलूचिस्तान में काउंटर इंटेलीजेंस ऑपरेशन चलाया और साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी-षडयंत्र किया। उनके ऊपर भारत के लिए जासूसी करने के साथ-साथ पाकिस्तान की एकता और आतंकवाद को प्रोत्साहन देने का काम भी किया है।
वहीं पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने इस टीवी इंटरव्यू में कहा था कि कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनकी तरफ से दी गई जानकारी के आधार पर 100 से ज्यादा ऑपरेटिव को पाकिस्तान से गिरफ्तार किया गया है। जब अब्दुल बासित से पूछा गया कि कुलभूषण जाधव को क्यों भारत की तरफ से कांसुलर की मदद लेने नहीं दी जा रही है। तो बासित ने कहा कि कांसुलर की मदद अपने आप नहीं दी जा सकती है और जब मामल बहुत संवेदनशील और सुरक्षा से संबंधित हो, तो बिल्कुल ऐसा नहीं हो सकता है। अब्दुल बासित ने कहा कि कमांडर जाधव वर्ष 2003 से पाकिस्तान आ रहे थे और उनके पासपोर्ट पर फर्जी नाम मुबारक हुसैन पटेल लिखा हुआ था। अब आप हमें बताइए कि वो फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाकर क्यों पाकिस्तान आ रहे थे।