पाकिस्तान: अगर सिंध में चुनाव जीतीं तो फिर कृष्णा कुमारी होंगी देश की पहली हिंदू सीनेटर
पाकिस्तान की राष्ट्रीय राजनीति में पहला मौका आ सकता है जब देश को कोई हिंदू सीनेटर मिलेगा। पाक में पहली बार किसी हिंदू महिला को राजनीति में एंट्री मिली है। बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की ओर से सिंध प्रांत की थार सीट से सीनेट का चुनाव लड़ने के लिए कृष्णा कुमारी को टिकट दिया गया।
पाकिस्तान की राष्ट्रीय राजनीति में पहला मौका आ सकता है जब देश को कोई हिंदू सीनेटर मिलेगा। पाक में पहली बार किसी हिंदू महिला को राजनीति में एंट्री मिली है। बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की ओर से सिंध प्रांत की थार सीट से सीनेट का चुनाव लड़ने के लिए कृष्णा कुमारी को टिकट दिया गया है। कृष्णा अगर चुनाव जीतती हैं तो इस मुस्लिम बहुल देश में वह पहली हिंदू महिला सीनेटर होंगी। एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सिंध में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल अली जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी बहुमत में है। ऐसे में कृष्णा के जीतने की संभावना बहुत अधिक है।
एक
सामाजिक
कार्यकर्ता
हैं
कृष्णा
समा
न्यूज
चैनल
की
खबर
के
अनुसार,
कृष्णा
अपने
भाई
के
साथ
एक
सामाजिक
कार्यकर्ता
के
रूप
में
पीपीपी
से
जुड़ी
थीं।
बाद
में
उनके
भाई
को
यूनियन
काउंसिल
बेरानो
का
चेयरमैन
चुना
गया।
कृष्णा
ने
कहा
कि
उनके
पास
नामांकन
पत्र
दाखिल
करने
के
लिए
सभी
आवश्यक
दस्तावेज
हैं।
कृष्णा
का
जन्म
1979
में
सिंध
के
नगरपारकर
जिले
के
एक
दूरदराज
गांव
में
हुआ
था।
कृष्णा
का
संबंध
स्वतंत्रता
सेनानी
रूपलो
कोलही
के
परिवार
से
है।
ब्रिटिश उपनिवेशों की सेना ने 1857 में जब सिंध पर हमला किया था, तब उसके खिलाफ रूपलो ने भी युद्ध में हिस्सा लिया था। कृष्णा जब 16 साल की थीं, तभी उनका विवाह लालचंद से हुआ। उस समय वह नौवीं कक्षा में पढ़ रही थीं। हालांकि शादी के बाद भी उन्होंने शिक्षा जारी रखी और 2013 में सिंध यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की।
पीपीपी ने दी हैं कई महिला राजनेता
आपको बता दें कि पीपीपी पाकिस्तान की एक ऐसी पार्टी है जिसने बेनजीर भुट्टो समेत इस देश को कई महिला राजनेता दी हैं। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो, पहली महिला विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और नेशनल असेंबली की पहली महिला स्पीकर फहमिदा मिर्जा इसी पार्टी से थीं।