अजीज के सुर से सुर मिलाते जर्मन विदेश मंत्री, कश्मीर को बताया बातचीत का मुद्दा
इस्लामाबाद। पहले अमेरिकी विदेश सचिव जॉन कैरी और फिर यूनाइटेड नेशंस से किसी स्कूली बच्चे की तरह भारत की शिकायत करने वाले और असफल रहने वाले पाकिस्तान को आखिरकार जर्मनी का साथ मिल गया है। अफगानिस्तान के बाद पाक की यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रैंक वॉल्टर स्टेनमेयर ने अजीज के सुर में सुर मिलाते हुए कहा है कि कश्मीर के मुद्दे को भारत-पाक वार्ता में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर यानी एनएसए सरताज अजीज ने सोमवार को बयान दिया था कि कश्मीर के बिना भारत से कोई बात नहीं होगी।
स्टेनमेयर के मुताबिक अगर दक्षिण एशिया में शांति कायम रखनी है तो फिर दोनों देशों के बीच बातचीत ही बेहतर विकल्ट है। स्टेनमेयर से इस्लामाबाद में मीडिया ने भारत और पाक के बीच एनएसए स्तर की वार्ता कैंसिल होने के बाद उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी।
गौरतलब है कि भारत और पाक के बीच 23 और 24 अगस्त को एनएसए स्तर की वार्ता होनी थी। पाक कश्मीर पर तो वार्ता चाहता था लेकिन उसे आतंकवाद पर वार्ता करना नागवार गुजरा। जबकि भारत को कश्मीर से अलग आतंकवाद के मुद्दे पर बात करनी थी। इस विवाद की वजह से इस वार्ता को ऐन मौके पर निरस्त करना पड़ा।
उन्होंने पाकिस्तान से भी कहा कि वह बिना किसी भेदभाव के सभी आतंकियों के सफाए के लिए अफगान सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मिलकर काम करे। स्टेनमेयर ने कहा कि जर्मनी और पाकिस्तान के संबंध ऊर्जा क्षेत्र में बहुत सक्रिय है।
पाकिस्तान के विद्यार्थी बड़े जर्मन विश्वविद्यालयों की मुफ्त शिक्षा योजना का भी फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान में दी जा रही फांसी की सजा का विरोध किया। स्टेनमेयर का जर्मन विदेशमंत्री के रूप में पाकिस्तान का यह तीसरा दौरा है।वह वर्ष 2007 और 2008 में भी पाक आ चुके हैं।