20 साल बाद: नवाज शरीफ ने कही थी अटल के लिए जो बात, इमरान ने सिद्धू के लिए फिर कही वही बात
करतारपुर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को करतारपुर कॉरिडोर को शिलान्यास किया। इसी दौरान उन्होंने एक ऐसी बात कह दी जिसने 90 दशक के अंतिम दौर में हुई उस घटना की याद दिला दी जो दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पाकिस्तान दौरे से जुड़ी थी। दिलचस्प बात है कि वाजपेयी का वह दौरा भी दोनों मुल्कों के बीच अमन-चैन की पहल से जुड़ा था और करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत भी इसी मकसद से हुई है। इमरान ने इस दौरान अपने क्रिकेट करियर के उस दौर का भी जिक्र किया जिसमें भारत और पाकिस्तान के मैच के दौरान दर्शकों का उत्साह स्टेडियम में और खिलाड़ियों का उत्साह पिच पर देखने को मिलता था। यह भी पढ़ें-करतारपुर कॉरिडोर: पाकिस्तान पीएम इमरान खान ने कहा-दोनों देश परमाणु ताकत से लैस फिर जंग का सवाल क्यों?
कह डाली सिद्धू के पीएम बनने तक की बात
इमरान ने शिलान्यास के बाद बोलते हुए सिद्धू के अगस्त में हुए लाहौर दौरे का जिक्र किया। इमरान ने कहा, 'जब करीब चार माह पहले सिद्धू पाकिस्तान आए थे तो भारत में उनकी काफी अलोचना हुई। मुझे समझ नहीं आता कि आखिर सिद्धू जब शांति का संदेश लेकर पाकिस्तान आए थे तो उनकी आलोचना क्यों हुईं?' इसके बाद इमरान ने आगे बात बढ़ाई और कहा, 'सिद्धू आप पाकिस्तान आ सकते हैं और यहां पर चुनाव लड़ सकते हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि शांति के लिए सिद्धू के भारत का पीएम बनने तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।'
क्यों नवाज ने वाजपेयी से कही थी ऐसी बात
साल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी बस लेकर लाहौर पहुंचे और यहां की जनता के बीच वाजपेयी के लिए एक अलग ही क्रेज देखने को मिला। किंग्शुक नाग की किताब अटल बिहारी वाजपेयी: एक मैन फॉर ऑल सीजंस में उनकी लाहौर बस यात्रा का जिक्र खासतौर पर है। अटल ने लाहौर में मिनार-ए-पाकिस्तान भी गए जिसे पाकिस्तान के बनने के समय स्थापित किया गया था। लाहौर में गर्वनर हाउस में हुए स्वागत समारोह में अटल ने अपनी कविता 'अब जंग नहीं होने देंगे हम,' पढ़ी। अटल की कविता और लाहौर फोर्ट पर उनके भाषण ने पाकिस्तान के लोगों का दिल जीत लिया। इस पर नवाज शरीफ ने कहा, 'वाजपेयी साहब अब तो पाकिस्तान में भी चुनाव जीत सकते हैं।' यह अलग बात है कि वाजपेयी की शांति की वह कोशिश कामयाब नहीं हो सकी और भारत को इसके बाद कारगिल का सामना करना पड़ा।
क्यों हुई थी सिद्धू की आलोचना
अगस्त में इमरान खान के शपथ ग्रहण में जब नवजोत सिंह सिद्धू हिस्सा लेने पहुंचे तो उन्होंने राष्ट्रपति भवन में मौजूद पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद से पहले हाथ मिलाया। कुछ सेकेंड्स बात करने के बाद सिद्धू और बाजवा ने एक-दूसरे को गले लगाया। जिस समय यह हो रहा था वहां पर पाकिस्तान की सेना के कई ऑफिसर्स और दूसरे डिप्लोमैट्स मौजूद थे।