कराची आतंकी हमला: जानिए बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के बारे में, जिसने ली है हमले की जिम्मेदारी
इस्लमाबाद। पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज की बिल्डिंग पर सोमवार को 4 आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंके और ताबड़तोड़ फायरिंग की। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इसमें 10 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में 3 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इस हमले के लिए बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को जिम्मेदार ठहराया गया है। पाकिस्तान मीडिया ने भी साफ तौर पर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का ही नाम लिया है। तो विस्तार से जानिए बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के बारे में।
1970 में पहली बार हरकत में आया था संगठन
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी 1970 के दशक की शुरुआत में पहली बार हरकत में आया था। तब पाकिस्तान में जुल्फिकार अली भुट्टो प्रधानमंत्री थे। तब बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र बगावत शुरू की थी। फिर सैन्य तानाशाह जियाउल हक की सत्ता पर कब्जे के बाद बलूचिस्तान को आजाद करने का बीड़ा उठाने वाले नेताओं से पाकिस्तान हुक्मरानों की बात हुई। नतीजतन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने अपनी गतिविधियां बंद कर दीं।
संगठन का पहला कमांडर वायुसेना के हमले में मारा गया था
संगठन अलगाववाद का हिमायती है जो गुरिल्ला रणनीति पर यकीन रखता है। संगठन का इतिहास बहुत काला रहा है। कई मामले ऐसे आए हैं जब संगठन ने गैस लाइनों समेत सेना पुलिस पर और गैर स्थानीय लोगों पर हमले किये हैं। बताया जाता है कि मीर बालाच मेरी इस संगठन का पहला कमांडर था जो वर्ष 2008 में अफगानिस्तान में गठबंधन वायुसेना के हमले में मारा गया। बात अगर हालिया दिनों की हो तो इस संगठन ने हाल फिलहाल में 3 बड़े हमले किये हैं जिसमें 30 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और कई लोग घायल हुए हैं। संगठन के काडर 6000 हैं और इनका शुमार पाकिस्तान के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन में है। संगठन आजाद बलोचिस्तान का पैरोकार है और इसका मानना है कि बलोचों का सही विकास तभी हो सकता है जब इन्हें पाकिस्तान से बिल्कुल अलग कर दिया जाए।
बलूचिस्तान को आजाद कराने के लिए लंबे समय से संघर्ष
बलूचिस्तान पाकिस्तान का एक प्रांत है लेकिन 1947 के बाद से ही यहां पर आजादी का संघर्ष जारी है। जब भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान बना तो यहां के वाशिंदों ने अलग देश की मांग की। तब ये ये संघर्ष जारी है। ये आमतौर पर बलूच राष्ट्रवादियों और पाकिस्तान की सरकार के बीच चल रहा है।