आर्टिकल 370 पर कराची के नुसरत नदीम बोले, पाकिस्तान को कश्मीर पर बोलने का कोई अधिकार नहीं
वॉशिंगटन। अमेरिका स्थित संगठन व्यॉइस ऑफ कराची के फाउंडर नदीम नुसरत ने आर्टिकल 370 पर पाकिस्तान की ओर से दी गई प्रतिक्रिया को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान में 'ग्रेटर कश्मीर' के निर्माण की मांग कर डाली है। आपको बता दें कि सोमवार को भारत ने जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 को हटा दिया है। इसके बाद राज्य को मिला विशेष दर्जा भी खत्म हो गया है। पाकिस्तान में भारत के इस फैसले के बाद से ही हाहाकार मचा हुआ है।
अपने यहां बसे लोगों को दे अधिकार
व्यॉइस ऑफ कराची के चेयरमैन नदीम नुसरत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, 'जब तक पाकिस्तान अपने यहां पर बसे कश्मीरी, मुजाहिरों, बलूच, पश्तून औश्र हजारा समुदाय के लोगों को उसी तरह के हक नहीं देता, तब तक उसे कश्मीरियों के हक की बात करने कोई नैतिक अधिकार नहीं है।' नदीम नुसरत पिछले कुछ वर्षों से अमेरिका में निर्वासित जिंदगी जी रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान के पास कश्मीर के मुद्दे पर न तो क्षेत्रीय और न फिर अंतरराष्ट्रीय मंच से रोने का कोई आधार नहीं है। उसने खुद के नागरिकों को मौलिक मानवाधिकार नहीं दिए हैं तो फिर वह क्यों गिड़गिड़ा रहा है। नुसरत ने सवाल किया और कहा, 'पाकिस्तान कश्मीर में जनमत संग्रह की बात करता है लेकिन क्या वह खुद अपने अल्पसंख्यक समुदायों को यही अधिकार देना चाहता है?'
विदेश विभाग ने बताया गैर कानूनी फैसला
नुसरत के मुताबिक पिछले कई दशकों से पाकिस्तान के मंत्रियों ने सार्वजनिक तौर पर कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से विदेशों में मुलाकात की है। ऐसे में जब पाकिस्तान का कोई नेता जो निर्वासन में हो, मुजाहिर हो या बलूच हो किसी भारतीय नेता से मुलाकात करेगा, तो उसे कैसा लगेगा? नुसरत ने बताया कि पाकिस्तान के पुर्नगठन के लिए जल्द ही एक ग्लोबल कैंपेन की शुरुआत होगी। पाकिस्तान के विदेश विभाग की ओर से भी इस पर बयान जारी किया गया है। विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय विवाद है और पाकिस्तान इस गैरकानूनी कदम का जवाब देने के लिए हर विकल्प तलाशेगा। विदेश विभाग ने इसके साथ ही कश्मीर और यहां की जनता के हक की आवाज उठाने का अपना वादा दोहराया। पाकिस्तान के विदेश विभाग की ओर से भारत के राजदूत तक को समन भेज कर सोमवार को आए आदेश को वापस लेने की मांग की गई है।