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रावलपिंडी में पाक आर्मी के हेडक्‍वार्टर से कुछ ही दूरी पर जर्नलिस्‍ट की गोली मारकर हत्‍या

पाकिस्‍तान के रावलपिंडी में एक जर्नलिस्‍ट की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई है। आपको बता दें कि रावलपिंडी, पाकिस्‍तान का हाई सिक्‍योरिटी जोन है जहां पर पाकिस्‍तान सेना का हेडक्‍वार्टर है, ऐसे में यहां पर जर्नलिस्‍ट का मर्डर होना, अपने आप में काफी हैरान करने वाली घटना है।

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रावलपिंडी। पाकिस्‍तान के रावलपिंडी में एक जर्नलिस्‍ट की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई है। आपको बता दें कि रावलपिंडी, पाकिस्‍तान का हाई सिक्‍योरिटी जोन है जहां पर पाकिस्‍तान सेना का हेडक्‍वार्टर है, ऐसे में यहां पर जर्नलिस्‍ट का मर्डर होना, अपने आप में काफी हैरान करने वाली घटना है। इस घटना के साथ ही एक बार फिर पाकिस्‍तान दुनिया का ऐसा देश साबित हो गया है जिसे पत्रकारों के लिए काफी खतरनाक माना जाता है। यह बात फ्रांस की वॉचडॉग रिपोटर्स विदआउट बॉर्डर्स में कही गई है जिसे पिछले वर्ष मई में जारी किया गया था।

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इस्‍लामाबाद के उर्दू अखबार के सब-एडीटर
जिस जर्नलिस्‍ट की हत्‍या हुई है उसका नाम अंजुम मुनीर राजा है और उनकी उम्र 40 वर्ष थी। गुरुवार देर रात वह अपने घर लौट रहे थे जब मोटरसाइकिल सवार लोगों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। यह घटना रावलपिंडी के मिलिट्री नेशनल हेडक्‍वार्टर से कुछ ही दूरी पर स्थित बैंक रोड पर हुई है। पाकिस्‍तान के अखबार द डॉन की ओर से इस घटना की जानकारी दी गई है। राजा को छह बार गोली मार गई जो उनके सिर, गर्दन और छाती को निशाना बनाकर उन पर चलाई गई थीं। बुरी तरह से घायल राजा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हमलावर तुरंत ही घटनास्‍थल से फरार हो गए। राजा एक पांच वर्ष के बच्‍चे पिता थे। सुबह वह स्‍कूल में पढ़ाते थे और शाम को उर्दू के अखबार में बतौर सब-एडीटर काम करते थे। राजा इस्‍लामाबाद से निकलने वाले एक अखबार में पत्रकार थे। उनके चाचा तारिक महमूद ने इस बात की जानकारी दी। महमूद ने बताया कि उनके भतीजे की किसी के भी साथ कोई दुश्‍मनी नहीं थी और उनकी हत्‍या की खबर से हर कोई हैरान है। हर कोई यह जानना चाहता है कि इतने हाई सिक्‍योरिटी जोन में उनकी हत्या कैसे हो सकती है।

15 वर्ष में 117 पत्रकारों की हत्‍या
पाकिस्‍तान के कई पत्रकारों ने इस घटना की निंदा की है और उन्‍होंने मांग की है कि राजा के हमलावरों को गिरफ्तार किया जाए। इसके अलावा उन्‍होंने यह मांग भी की कि देशभर के सभी पत्रकारों को सुरकार सुरक्षा प्रदान करे। इसके अलावा अगर राजा के हत्‍यारों को जल्‍द गिरफ्तार नहीं किया गया तो फिर वह विरोध प्रदर्शन करेंगे। पिछले वर्ष भी पाकिस्‍तान के मशहूर पत्रकार अहमद नूरानी को भी इस्‍लामाबाद में कुछ लोगों ने बुरी तरह से पीटा था और चाकुओं से गोदकर उनकी हत्‍या कर दी थी। साल 2017 में आई वर्ल्‍ड प्रेस फ्रीडम की रिपोर्ट में कहा गया था कि 180 देशों में पाकिस्‍तान दुनिया का 139वां ऐसा देश है जहां पर पत्रकारों की जान को सबसे ज्‍यादा खतरा है। पिछले 15 वर्षों में पाक में करीब 117 पत्रकारों की हत्‍या हो चुकी है और सिर्फ तीन केसेज ही कोर्ट तक पहुंच पाए हैं।

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English summary
Journalist shot dead in Pakistan high security zone Rawalpindi and again proved the country is dangerous for journalists.
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