तो पाकिस्तान सेना और ISI की साजिश है 'फादर ऑफ तालिबान' समी उल हक की हत्या!
रावलपिंडी। शुक्रवार को रावलपिंडी में पाकिस्तान के राजनीतिक और धार्मिक नेता समी-उल-हक की हत्या ने सबको चौंका कर रख दिया है। 81वर्ष के हक को अफगान तालिबान के लिए खुले समर्थन की वजह से जाना जाता है। खून में सना उनका शव उनके घर पर बरामद हुआ। उनकी हत्या को किस ने अंजाम दिया यह किसी को भी नहीं मालूम। उनके परिवार की मानें तो हक, दिल के मरीज थे और घर पर अकेले थे जब उनकी हत्या हुई। सिर्फ 15 मिनट के लिए हक का सुरक्षाकर्मी उनके बेडरूम से बाहर गया था और इसी बीच ने किसी ने उन पर चाकू से इतने वार किए कि उनकी मौत हो गई। समी उल हक की हत्या कई तरह के सवाल भी खड़े कर रही है। उनकी हत्या ऐसे समय हुई है जब पाकिस्तान में आसिया बीबी पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। हक भी इन्हीं प्रदर्शनों में शामिल होने वाले थे।
'आईएसआई ने मारा है मौलाना हक को'
रावलपिंडी पाकिस्तानी सेना का हेडक्वार्टर है जहां पर हक की हत्या हुई है वह जगह भी सेना के नियंत्रण में आती है। पाकिस्तान उलेमा काउंसिल के चेयरमैन मालावी तहरीर अशरफी ने तालिबान से अपील की है कि वह मौलाना हक की हत्या का बदला अफगानिस्तान के लोगों से ले। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि पाक की सेना इस्लाम के नाम पर यहां के लोगों की हत्या के लिए आम नागरिकों का प्रयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि आईएसआई ने हक की हत्या करवाई है। हक की हत्या ऐसे समय हुई है जब पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर लगातार दबाव बना हुआ है। अमेरिका कई बार पाकिस्तान से कह चुका है कि वह अफगानिस्तान वार्ता के लिए जरूर तालिबान को वार्ता की टेबल पर लेकर आए। लेकिन हक एक ऐसे नेता थे जो खुलेआम तालिबान का समर्थन करते थे।
एक वर्ष में तालिबान लौटाएगा अमेरिकी की खुशी
जुलाई 2013 को तत्कालीन अमेरिकी राजदूत रिचर्ड जी ओल्सन ने उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात में ओल्सन ने उनके साथ क्षेत्रीय हालातों पर चर्चा की थी। हक ने उस समय ओल्सन के सामने तालिबान के साथ सहानुभूति जताई थी। हक ने कहा था, 'आप उन्हें बस एक वर्ष दे दीजिए वे पूरे अफगानिस्तान में हंसी-खुशी का माहौल ले आएंगे। पूरा अफगानिस्तान उनके साथ होगा। बस एक बार अमेरिकी यहां से चले जाएं तो यह सिर्फ एक वर्ष में हो जाएगा।'हक ने ओल्सन को साफ कर दिया था कि जब तक अमेरिकी सेना, अफगानिस्तान में रहेगी तब तक यहां के लोगों को अपनी आजादी के लिए लड़ाई लड़नी पड़ेगी। हक ने कहा था अफगानिस्तान में आजादी की लड़ाई चल रही है और यह तब तक सफल नहीं होगी जब तक कि बाहरी लोग यहां से नहीं चले जाएंगे। हक का अड़ियल रवैया ऐसे समय में पाक के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा था जब उसे मिलने वाली अमेरिकी सहायता भी बंद कर दी गई। पाकिस्तान पर अमेरिका तालिबान पर नियंत्रण को लेकर दबाव बना रहा है। हक के रहते पाक के सरकारी संस्थानों के लिए यह काम कहीं न कहीं मुश्किलें पैदा कर सकता था।
अमेरिका के लिए सिरदर्द संगठनों के करीब मौलाना
हक की विचारधारा का ही नतीजा था कि तालिबान जिसने कभी अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, उसने ही आज इस क्षेत्र की स्थिति को बिगाड़ कर रख दिया है। अमेरिका इस बात को साफ कर चुका था कि अफगानिस्तान में शांति के लिए पाकिस्तान को कोशिशें करनी होंगी। हक तालिबान के नेता मुल्ला उमर और हक्कानी नेटवर्क के नेताओं के करीबी थे। यही दोनों संगठन अमेरिका के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। हक यह बात खुलेआम कह चुके थे कि वह, अफगान सरकार और अमेरिका की अगुवाई वाली नाटो सेनाओं के खिलाफ जारी लड़ाई में अफगान तालिबान का समर्थन करते हैं।
इमरान के साथ थे मौलाना के रिश्ते
समी उल हक के बेटे हमीद-उल-हक ने कहा है कि उनके पिता शहीद हुए हैं। हमीद ने कहा, 'वह घर पर अकेले थे। उनका गार्ड बस 15 मिनट के लिए ही बाहर गया था। इसी बीच ही किसी ने उन्हें मार डाला। जब गार्ड लौटकर आया तो उसने खून में लथपथ मेरे पिता को नाजुक हालत में मेरे पिता को पाया।' पुलिस ने बताया कि हक को पास के अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब उनकी मौत हो चुकी थी। हक के प्रवक्ता युसूफ शाह ने कहा है कि अभी तक न तो हमलावर की कोई जानकारी है और न ही इस बात का पता लग पाया है कि हक को क्यों मारा गया। प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपना शोक संदेश चीन से भेजा और उनकी हत्या की निंदा की। इमरान ने कहा मौलाना हक की शहादत के साथ ही देश ने अपना एक महत्वपूर्ण धार्मिक और राजनीतिक नेता खो दिया है। इस वर्ष पाकिस्तान में चुनाव हुए तो प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने हक की पार्टी जामिया दार अल उलूम हक्कानिया (जेयूआई-एस) के साथ गठबंधन किया। पाक पीएम इमरान इमरान की पार्टी ने साल 2016 ने हक की पार्टी को 2.24 मिलियन डॉलर का अनुदान भी दिया था।