इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ और बेटी मरियम को दिया जेल से रिहा करने का आदेश
इस्लामाबाद। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को अपने एक अहम फैसले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, बेटी मरियम नवाज और दामाद कैप्टन (रिटायर्ड) मोहम्मद सफदर की सजा पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अब इन तीनों की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। तीनों को नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो (नैब) की ओर से लंदन के एवनफील्ड केस में सजा सुनाई गई थी। जहां नवाज को 10 वर्ष की सजा मिली थी तो बेटी मरियम के सात वर्ष और दामाद सफदर को एक वर्ष की सजा सुनाई गई थी। तीनों को रावलपिंडी की अदियाला जेल में रखा गया था।
शहबाज बोले सच की जीत हुई
जस्टिस अतहर मिनाल्ला और जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब वाली हाई कोर्ट की डिविजन बेंच की ओर से शरीफ परिवार और कैप्टन सफदर के खिलाफ आए फैसले पर दायर की गई याचिका पर सुनवाई की जा रही थी। छह जुलाई को इस केस में फैसला आया था। जजों की ओर से दोषियों की सजा खत्म करने से जुड़ी याचिका को कुछ दिन पहले स्वीकार किया था। फैसला आते ही पााकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वर्कसे में खुशी की लहर दौड़ गई जो कोर्टरूम में ही मौजूद थे। तीनों को कोर्ट ने तीनों को पांच लाख का सिक्योरिटी बॉन्ड भी भरने का आदेश दिया है। विपक्ष के नेता और नवाज के भाई शहबाज शरीफ ने ट्विटर पर आकर फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा, 'आखिरकार सच सामने आ गया है।'
नैब सुबूत पेश करने में असफल
जजों की ओर से इस बात पर ध्यान दिया गया कि जांच पूरी होने के बाद भी नैब एवेनफील्ड अपार्टमेंट्स पर नवाज शरीफ का मालिकाना हक साबित नहीं कर सकी। कोर्ट का कहना था कि कोई सुबूत नहीं है लेकिन फिर भी नैब चाहता है कि 'सिर्फ अनुमान के आधार पर पर हम अपार्टमेंट्स पर नवाज का हक मान लें।' नैब की तरफ केस की पैरवी कर रहे मोहम्मद अकरम कुरैशी ने कहा कि 'लॉ ऑफ एविडेंस के तहत कोर्ट कुछ विशेष स्थितियों में तथ्यों का अनुमान लगाने के लिए स्वतंत्र है।' कुरैशी को याद दिलाया कि दोषियों को संदेह का लाभ मिल सकता है।
पत्नी कुलसुम का लंदन में निधन
13 जुलाई से ही नवाज, बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर जेल में बंद हैं। अभी फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है कि तीनों को तुरंत रिहा कर दिया जाएगा या फिर इसमें कुछ समय लगेगा। पिछले हफ्ते नवाज की पत्नी बेगम कुलसुम नवाज का लंदन में गले के कैंसर की वजह से निधन हो गया। इसके बाद नवाज और बेटी मरियम को पैरोल पर रिहा किया गया था। नवाज की ख्वाहिश थी कि उन्हें कम से कम पांच दिन की पैरोल दी जाए लेकिन उनकी ख्वाहिश को ठुकरा दिया गया था।