पाकिस्तानी रेंजर्स को मुंहतोड़ जवाब देने वाला भारतीय जवान गुरनाम सिंह शहीद
गुरनाम सिंह ने जम्मू के जीएमसी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह फायरिंग में बुरी तरह जख्मी हो गए थे और यहां उनका इलाज चल रहा था।
नई दिल्ली। जम्मू के हीरानगर की बोबिया पोस्ट पर तैनाती के वक्त पाकिस्तानी गोलीबारी के शिकार हुए बीएसएफ के कांस्टेबल गुरनाम सिंह शनिवार देर रात शहीद हो गए।
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गुरनाम सिंह ने जम्मू के जीएमसी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह फायरिंग में बुरी तरह जख्मी हो गए थे और यहां उनका इलाज चल रहा था।
J&K: Gurnam Singh, jawan injured in cross border firing by Pakistan, passes away
— ANI (@ANI_news) October 22, 2016
दुश्मन ने रात के अंधेरे में गुरनाम सिंह की पीठ पीछे से वार किया। पाकिस्तानी स्नाइपर की गोली उनके सिर में लग गई थी और उन्हें उपचार के लिए तत्काल जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
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वहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी और उन्हें रविवार सुबह तक दिल्ली इलाज के लिए लाया जाना था लेकिन उन्होंने इससे पहले ही दम तोड़ दिया।
हीरानगर सेक्टर के बोबिया में पाकिस्तानियों ने सीजफायर उल्लंघन किया था और ताबड़तोड़ गोलीबारी भी की थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भरपूर जवाबी कार्रवाई की और 7 पाकिस्तानी रेंजर्स व एक आतंकवादी मार गिराया था।
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गोली लगने से पहले तक इस भारतीय शूरवीर ने पाकिस्तानियों की जमकर खबर ली और जवाबी कार्रवाई में जरा भी कमी नहीं होने दी। उनके घायल होने के बाद से पूरे भारत में उनकी सलामती के लिए लोग दुआ कर रहे थे।
सिख परिवार में जन्मे गुरनाम सिंह जम्मू के रणवीरसिंह पुरा इलाके के निवासी थे। उन्होंने पांच साल पहले भारतीय फौज का दामन थामा था।