श्रीलंका में हमलों में पाकिस्तान का भी रोल, पीएम विक्रमसिंघे ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। भारतीय एजेंसियां को इस बात का अंदेशा है कि हाल ही में श्रीलंका में हुए ब्लास्ट्स के पीछे हो न हो पाकिस्तान का भी हाथ है। श्रीलंका के ब्लास्ट के साथ पाकिस्तान के जिस तरह से कनेक्शन की आशंका एजेंसियों को नजर आ रही है, वही कनेक्शन उसका जम्मू कश्मीर से भी है। ये कनेक्शन है ड्रग्स स्मगलिंग का। ईस्टर के मौके पर हुए आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है लेकिन सरकार नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के रोल को सबसे अहम मान रही है। हमलों में 253 लोगों की मौत हो चुकी है।
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ड्रग्स स्मगलर्स ने की बड़ी मदद
अखबार इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारतीय एजेंसियों मान रही हैं कि पाकिस्तान में मौजूद ड्रग्स के उत्पादकों की ओर से हमलों के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराई गई थी। पाकिस्तान में स्थित ड्रग स्मगलर्स श्रीलंका के समुद्री मार्ग का प्रयोग पिछले सात वर्षों से करते आ रहे हैं। मध्य एशिया और रूस से रास्ता बंद होने के बाद ये तस्कर श्रीलंका के जरिए यूरोप तक ड्रग्स भेजते हैं। भारतीय एजेंसियां 21 अप्रैल को कोलंबो में हुए हमलों की जांच में श्रीलंकन एजेंसियों की मदद कर रही है। हमले से पहले भारत ने श्रीलंका को इनसे जुड़ी अहम इंटेलीजेंस भी मुहैया कराई थी।
कोलंबो में हाई कमीशन की संदिग्ध गतविधियां
भारतीय एजेंट्स के मुताबिक पाकिस्तान के कराची से आने वाली ड्रग्स नावों और बड़े-बड़े जहाजों पर लदी होती है। इसके बाद इसे श्रीलंका में ट्रांसफर किया जाता है। यहां से समंदर के रास्ते इसे एक दूसरे देश में भेजा जाता है। ड्रग्स की बिक्री से जो पैसा आता है, उसे आतंकी गतिविधियों के लिए खर्च किया जाता है। श्रीलंका में चरमपंथी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए भी इसी रकम का प्रयोग हुआ है। एजेंसियों की मानें तो पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल में पाकिस्तान की ओर से होने वाली गतिविधियों पर आंख मूंद ली गई थी। श्रीलंका में आईएसआई की ओर से होने वाली इन गतिविधियों को कोलंबो में स्थित हाई कमीशन के जरिए अंजाम दिया जा रहा था।
एनआईए को मिले थे पक्के सुबूत
साल 2014 में चेन्नई में एक जासूसी रैकेट को पकड़ा गया था। इस रैकेट को पाकिस्तान राजनयिक की ओर से चलाया जा रहा था और इसके तार आईएसआई से जुड़े थे। दो संदिग्धों की भी पहचान हुई थी जिनके नाम थे मोहम्मद सलीम और श्रीलंका का रहने वाला मोहम्मद शाकिर हुसैन दोनों को एनआईए की कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई थी। एनआईए की मानें तो दोनों चेन्नई में आतंकी गतिविधियों को पूरा करने के मकसद से आए थे। इन दोनों को कोलंबो स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन से आदेश मिले थे और इनका हैंडलर आमीर जुबैर सिद्दीकी भी पाक उच्चायोग में ही था। तमिलनाडु पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार करके एनआईए को सौंप दिया था।
रानिल विक्रमसिंघे ने कहा ली जाएगी मदद
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी कहा है कि हमले में विदेशी लिंक्स की जांच की जा रही है। अभी तक कोई ऐसे सुबूत नहीं मिले हैं जिनसे किसी खास देश का हाथ हमलों में साबित होता है। लेकिन इसके बाद भी अगर जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान से भी मदद ली जाएगी। भारतीय मीडिया की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका की इंटेलीजेंस एजेंसिया विदेशी एजेंसियों के साथ काम कर रही है। यह पहला मौका है जब अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद ने श्रीलंका को निशाना बनाया है। पीएम विक्रमसिंघे ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने अभी तक आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में श्रीलंका का साथ दिया है।
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