कुलभूषण जाधव का केस नहीं लड़ सकता महारानी का वकील, पाकिस्तान ने ठुकराई भारत की मांग
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने भारत की उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कुलभूषण जाधव के लिए किसी भारतीय वकील या महारानी के काउंसल को नियुक्त करने का अनुरोध किया गया था। पाकिस्तान के विदेश विभाग की तरफ से शुक्रवार को इसकी जानकारी दी गई है। जाधव, इस समय पाक की जेल में बंद हैं और उन्हें पाक मिलिट्री कोर्ट की तरफ से मौत की सजा सुनाई गई है। भारत का मकसद उनके लिए एक निष्पक्ष और मुक्त ट्रायल सुनिश्चित करना है।
यह भी पढ़ें-पाकिस्तान की इस हरकत पर आया NSA अजित डोवाल को गुस्सा
भारत की मांग को बताया अवास्तविक
पाक विदेश विभाग के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने मीडिया की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि भारत लगातार ऐसी मांग कर रहा है कि जाधव के लिए पाकिस्तान के बाहर का कोई वकील नियुक्त किया जाए और उसकी यह मांग पूरी तरह से अवास्तविक है। अप्रैल 2017 में पाक मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को भारत का जासूस बताते हुए उसे मौत की सजा सुनाई थी। जाहिद ने कहा कि उनके देश की तरफ से भारत को बता दिया गया है कि पाकिस्तान की कोर्ट में किसी भी ऐसे वकील को मंजूरी नहीं है जो देश के बाहर का हो। यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक ही है। इस स्थिति में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं हो सकता है। महारानी एलिजाबेथ के काउंसिल जो बैरिस्टर या एडवोकेट हैं, उन्हें यूके की राजशाही का वकील नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति लॉर्ड चांसलर की सिफारिश के बाद हुई है। इससे पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट की तरफ से निर्देश दिया गया था कि प्रांतीय सरकार भारत को एक मौका और दे ताकि वह जाधव के केस के लिए वकील की नियुक्ति कर सके। इसके बाद कोर्ट की तरफ से सुनवाई को एक माह के लिए स्थगित कर दिया गया था।
निष्पक्ष ट्रायल देने की कोशिश
मंगलवार को पाकिस्तान की संसद ने एक ऑर्डिनेंस के तहत जाधव को मंजूरी दी है कि वह अपनी सजा के खिलाफ चार माह के अंदर हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं जैसा कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) की तरफ से कहा गया था। भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि पाक सरकार अपनी शर्तों को पूरा करने के योग्य नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि पाक सरकार, आईसीजे के फैसले को पूरे जज्बे के साथ लागू नहीं कर सकती है। गुरुवार को एक रूटीन मीडिया ब्रीफिंग में अनुराग श्रीवास्ता ने कहा था, 'पाकिस्तान ने अभी तक मूल मुद्दों पर ही ध्यान नहीं दे रहा है जिसमें उन सभी दस्तावेजों को मुहैया कराना भी शामिल है जो केस से जुड़े हैं, जाधव को बिना शर्त के काउंसलर एक्सेस मुहैया कराना और किसी भारतीय वकील या महारानी के वकील की नियुक्ति एक निष्पक्ष ट्रायल सुनिश्चित करना शामिल है।'