पाकिस्तान में फिर से भारतीय राजनयिक को किया गया परेशान, क्रिसमस के दिन काटी गई घर की बिजली
इस्लामाबाद। भारत ने पाकिस्तान स्थित उच्चायोग में राजनयिकों के उत्पीड़न को लेकर पाकिस्तान के सामने नए सिरे से विरोध दर्ज कराया है। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में तैनात एक राजनयिक को फिर से परेशान किया गया है। इस नई घटना ने फिर से दोनों रिश्तों के बीच तनाव को नए सिरे पर पहुंचा दिया है। भारत की तरफ से पाकिस्तान को अल्टीमेटम दिया गया है और साफ कर दिया गया है कि इस तरह की घटना दोबारा नहीं होनी चाहिए। भारतीय उच्चायोग की तदरफ से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को औपचारिक तौर पर दो नोटिस भेजे गए थे। ये दोनों नोटिस 21 और 27 दिसंबर को भेजे गए थे। इन नोटिस में कहा गया था कि दो बार सेकेंड सेक्रेटरी के घर की बिजली सप्लाई को जानबूझकर काट दिया गया था। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से इस बात की जानकारी दी गई।
भारत की तरफ से भेजा गया नोटिस
नई घटना के तहत 25 दिसंबर को हुई जिसमें चार घंटे तक घर की बिजली गुल थी। जो दूसरा नोट इस घटना के बाद भेजा गया उसमें लिखा था, 'इलाके में किसी भी तरह का कोई फॉल्ट नहीं था लेकिन सिर्फ सेक्रेटरी के घर की बिजली सप्लाई को काट दिया गया था।' इस नोट में आगे लिखा था, 'संबंधित मंत्रालय से अनुरोध है कि वह इस घटना का संज्ञान ले और अथॉरिटीज को निर्देश दें कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों।' जो लोग इन घटनाओं से परिचित हैं उनका कहना है कि पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों को परेशान करने वाली कड़ी के तहत यह नया मामला है। उनका कहना है कि राजनयिकों को उनका काम करने से रोका जा रहा है।
सिख अधिकारियों को गुरद्वारे में जाने से रोका
10 दिसंबर को हुई घटना में कुछ अज्ञात लोगों ने इस्लामाबाद में राजनयिक के घर में दाखिल होने की कोशिश की। वहीं 21 दिसंबर को भारतीय मिशन में तैनात एक टीम को पेशावर में परेशान किया गया था। नवंबर माह में भारत की ओर से उस समय पाकिस्तान के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया गया था जब उच्चायोग में काउंसलर ऑफिशियल्स को तंग किया गया था। इन ऑफिशियल्स को नानकाना साहिब गुरुद्वारा और सच्चा सौदा गुरुद्वारा में दाखिल होने से रोक दिया गया था जबकि इनके पास आधिकारिक तौर पर इसकी मंजूरी थी। अधिकारियों को उनकी काउंसलर ड्यूटीज पूरी किए बिना ही उनसे इस्लामाबाद जाने को कह दिया गया था। विदेश मंत्रालय की ओर से तब एक बयान जारी कर बताया गया था कि यह लगातार तीसरा मौका है जब पाकिस्तान में भारतीय अधिकारियों को तीर्थयात्रियों से सुरक्षा का हवाला देते हुए मिलने से रोका गया है।
बर्दाश्त के बाहर है अधिकारियों के साथ हो रहा बुरा बर्ताव
इस्लामाबाद में भारतीय अधिकारियों को बर्दाश्त की सीमा से बाहर परेशान किया जा रहा है। फरवरी-मार्च 2018 में इन अधिकारियों को हद से ज्यादा परेशान किया गया था। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान की अथॉरिटीज ने इस पूरे मसले पर अपने पैर पीछे खींच लिए थे। दोनों पक्षों की तरफ से राजनयिकों से जुड़े मुद्दों को साल 1992 के कोड ऑफ कनडक्ट के तहत सुलझाने पर रजामंदी जताई गई थी। लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों का उत्पीड़न जारी है। इस्लामाबाद में पिछले 10 वर्षों से राजनयिकों के घर पर होने वाला जरूरी काम तक रुका हुआ है। अधिकारियों के घर पर गैस की सप्लाई तक नहीं है और न ही उन्हें टेलीकॉम या फिर आईटी जैसी सुविधाएं मिली हुई हैं। वहीं फर्नीचर को भी बॉर्डर पर रोक दिया गया है।